बरेली की किशोरी के साथ लखनऊ के डाक्टरों की करतूत, आंत का आपरेशन कर नहीं लगाए टांके, बिगडी हालत

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RGAन्यूज़

पुराना शहर की एक किशोरी की आंत का आपरेशन लखनऊ के केजीएमसी मेडिकल कालेज में हुआ। आरोप है कि डाक्टरों ने आपरेशन के बाद टांके नहीं लगाए। इससे जख्म में संक्रमण फैल गया। किशोरी की मां उसे ऐसी ही हालत में लखनऊ से लेक

ली की किशोरी के साथ लखनऊ के डाक्टरों की करतूत, आंत का आपरेशन कर नहीं लगाए टांके

बरेली। पुराना शहर की एक किशोरी की आंत का आपरेशन लखनऊ के केजीएमसी मेडिकल कालेज में हुआ। आरोप है कि डाक्टरों ने आपरेशन के बाद टांके नहीं लगाए। इससे जख्म में संक्रमण फैल गया। किशोरी की मां उसे ऐसी ही हालत में लखनऊ से लेकर आई। किशोरी की हालत गंभीर हो गई है।

शहनाज का कहना है कि उनकी 17 वर्षीय बेटी खुशबू को पेट दर्द की शिकायत थी। उन्होंने नवंबर के दूसरे सप्ताह में जिला अस्पताल में डाक्टरों को दिखाया था। चेकअप करने के बाद डाक्टरों ने खुश्बू को लखनऊ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया था। उन्होंने बताया कि 13 नंबवर को खुशबू का लखनऊ मेडिकल कालेज में आपरेशन हुआ। आरोप लगाया कि डाक्टरों ने खुशबू की आंत का आपरेशन करने के बाद उसमें टांके नहीं लगाए

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वहां पर डाक्टर बेटी में खून की कमी बताकर रक्त लाने के लिए कह रहे थे। इसके साथ ही जांचों के नाम पर रुपये मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटी के शरीर के कई हिस्सों में नली पहले से डाली गई थीं। इसके बाद भी स्वास्थ्यकर्मी गले में एक और नली डालना चाह रहे थे। इसे लेकर शहनाज और वहां पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने बहस हो गई।

शहनाज ने आरोप लगाया कि इसके बाद जांचों के रुपये ना होने और रक्त की व्यवस्था ना करने पाने की वजह से डाक्टरों ने वहां से निकाल दिया गया और डिस्चार्ज करने वाले प्रपत्र पर जबरन अंगूठा लगवा लिया। उनका आरोप है कि चिकित्सकों ने खुश्बू के जख्म में टांके नहीं लगाए गए। वह लखनऊ से बरेली तक खुश्बू को खुले जख्म के 

इसके बाद खुशबू का घर पर इलाज चल रहा था। शनिवार को हालत बिगड़ने पर शहनाज बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचीं तो डाक्टरों ने भर्ती कर लिया। सोमवार से उसे सही ढंग से इलाज दिया जा सका।

डाक्टर बोले, जख्म में हो गया संक्रमण

डाक्टरों का कहना है कि खुशबू के जख्म खुले होने और सही ढंग से देखभाल ना होने की वजह से संक्रमण हो गया है। संक्रमण की वजह से बाहर की परत खुल गई है, जिसमें टांके नहीं लगाए जा सकते। ऐसे में संक्रमण कम करने के लिए दवाएं दी जा रही हैं। संक्रमण कम होने के बाद ही जख्म पर टांके लगाए जाएंगे

यह बच्ची बरेली के पुराने शहर की रहने वाली है उम्र 16 वर्ष इसका नाम खुशबू है बहुत ही गरीब परिवार से हैं, इसका लखनऊ में पेट का ऑपरेशन हुआ था, इलाज के दौरान मकान भी गिरमी पड़ गया, लेकिन अभी तक पेट में टांके तक नहीं लगे हैं लखनऊ अस्पताल वालों ने अभद्रता करके मां के हाथों में टांके लगाने वाली सुई थमा दी और बरेली भेज दिया,

आंत फटने की वजह से उसका आपरेशन किया गया था। ऐसी स्थिति में टांके तब तक नहीं लग सकते हैं, जब तक संक्रमण सही नहीं हो जाता है। अगर अंदर संक्रमण रहता है तो जख्म नहीं भरेगा। ऐसे मामलों में संक्रमण सही होने के बाद ही टांके लगाए जाते हैं। पीड़ित बच्ची का डाक्टर भर्ती करके उपचार कर रहे हैं

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