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नगर में बारावफात के जुलूस के दौरान एक संगठन का बैनर काटकर फेंके जाने के मामले में प्रकाश में आए दो लोगों में से एक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उसे जेल भेजने की तैयारी की जा रही है और दूसरे आरोपी की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं। इस बीच सीरत कमेटी पदाधिकारियों ने शहर के प्रमुख लोगों के साथ एसडीएम और सीओ से मुलाकात की है। बाद में एक पक्ष के लोगों ने आईजी और एसपीआरए से मिलकर हुई गिरफ्तारी को गलत बताया है।
नगर में बुधवार को बारावफात का भव्य जुलूस निकाले जाने के दौरान खुराफातियों ने चौराहे पर बंधे एक संगठन के बैनर की डोरी काटकर गिरा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर संगठन के लोगों में रोष फैल गया। सूचना पर चेयरमैन संजीव सक्सेना, एसडीएम, सीओ फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और बैनर को पुन: लगवा दिया गया। इस मामले में चौकी इंचार्ज देवेन्द्र सिंह की ओर से अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस वीडिओ रिकॉर्डिंग के आधार पर बैनर तोड़ने वालों को चिन्हित करने में जुटी थी। इस मामले में नगर के मोहल्ला बजरिया के मोहम्मद मुईद रजा और पक्का कटरा जौहरी वाली गली के नदीम खां का नाम प्रकाश में आने पर उनके नाम एफआईआर में शामिल कर दिए गए हैं। पुलिस ने मुईद रजा की गिरफ्तारी कर ली है, नदीम खां की तलाश की जा रही है। परिजनों पर दबाव बनाने के लिए नदीम के पिता कदीर खां को पुलिस ने थाने में बिठा रखा है।
माहौल बिगाड़ने की थी कोशिश
एसडीएम विशुराजा ने बताया कि जांच में पाया गया है कि स्टेट बैंक चौराहा के समीप जुलूस पहुंचने पर मुईद रजा ने लाउडस्पीकर पर बैनर हटाने को कहा और नदीम खां ने बांस की डंडी से बैनर तोड़ दिया। मुईद एक संगठन का तहसील अध्यक्ष है। इससे पहले रास्ते में कोई बैनर नही हटाया गया, इससे लगता है कि यह शहर का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश थी। यदि कोई दिक्कत थी तो प्रशासन साथ में था, उन्हे बताया जा सकता था। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
सीरत कमेटी ने की नरमी की मांग
नगर के प्रमुख लोग और सीरत कमेटी के पदाधिकारी इस मामले को लेकर एसडीएम और सीओ से मिले। सीओ आलोक विष्णु अग्रहरि ने बताया कि सभी लोगों का मानना है कि घटना दुर्भाग्य पूर्ण थी। आंवला में सदैव आपसी भाईचारा रहा है। एसडीएम ने बताया कि लोगों ने आरोपियों के लिए रियायत बरते जाने की बात कही है। मिलने वालों में सीरत कमेटी सदर हाजी रफीक अहमद, पूर्व चेयरमैन रहीस अहमद, मौलाना अब्बास, मौलाना हनीफ कादरी, अवनीश तिवारी एडवोकेट, अफसर खां, मुन्ने अंसारी आदि शामिल रहे।
आईजी व एसपीआरए से मिला एक पक्ष
एक पक्ष के लोग आईजी से मिले, वहां से उन्हे एसपीआरए डॉ. सतीश कुमार के पास कार्रवाई के लिए भेजा गया। लोगों ने एसपीआए को बताया है कि पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी गलत है, एक युवक के पिता को ही पुलिस थाने में बैठाए हुए है। इस पर शिकायत की जांच कराने का आश्वासन दिया गया है।
पूर्व चेयरमैन सैय्यद आबिद अली का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को बैनर काटने के मामले की जांच गहनता से करनी चाहिए, जिससे किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न हो।