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RGA न्यूज़
किसान पाठशालाओं ने अन्य जानकारियों के साथ प्राकृतिक खेती के बारे में प्रमुखता से बताया जाता है। राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी में मंगलवार से शुरू हुई दो दिवसीय कृषि गोष्ठी के पहले दिन विभागीय अधिकारी और कृषि वैज्ञानिकों का फोकस इसी पर रहा।
प्राकृतिक खेती के बारे में प्रमुखता से कृषि वैज्ञानिकों ने दी जानकारी।
अलीगढ़, रासायनिक खाद पर निर्भर होकर मिट्टी की सेहत बिगाड़ रहे किसानों को कृषि अधिकारी प्राकृतिक खेती की नसीहत दे रहे हैं। उन्हें इसके लाभ भी बताए जा रहे हैं। जनपद में आयोजित हो रहीं गोष्ठी, किसान पाठशालाओं ने अन्य जानकारियों के साथ प्राकृतिक खेती के बारे में प्रमुखता से बताया जाता है। राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी में मंगलवार से शुरू हुई दो दिवसीय कृषि गोष्ठी के पहले दिन विभागीय अधिकारी और कृषि वैज्ञानिकों का फोकस इसी पर रहा। किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया गया। अन्य कृषि तकनीकों की जानकारी भी दी गई।
यह है राष्ट्रीय कृषि योजना
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना/राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत कृषि गोष्ठी आयोजित की गई। संयुक्त निदेशक कृषि राकेश बाबू की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में प्रमुख रूप से उप कृषि निदेशक यशराज सिंह, उप कृषि निदेशक शोध डा. वीके सचान, जिला उद्यान अधिकारी धीरेंद्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी रामप्रवेश, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. वारिश अली, डा. सुधीर सारस्वत ने विभिन्न विषयों की जानकारी दी। डा. वीके सचान ने प्राकृतिक खेती पर विस्तार से चर्चा करते हुए जैविक खाद बनाने और इसकी उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। गुणवत्ता युक्त उत्पादन होता है, लागत कम आती है। जबकि, रासायनिक खाद आधारित खेती से फसलों की गुणवत्ता खराब होती है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। भूमि बंजर हो जाती है। जिला उद्यान अधिकारी व जिला कृषि अधिकारी ने किसान, वैज्ञानिक व अधिकारियों का स्वागत करते हुए विभागीय योजनाओं के बारे में बताया। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन व प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से किसानों को अवगत कराया। डा. सुधीर सारस्वत ने शाकभाजी उत्पादन, पुष्प उत्पादन, औषधीय फसलों के उत्पादन व बाजार को दृष्टिगत रखते हुए अगेती व पचेती मौसम में अधिकतम उत्पादन करने की सलाह दी। उत्पाद की ग्रेडिंग, पैकिंग व माकेर्टिेंग के संबंध में भी जानकारी दी। शाकभाजी फसलों में सिंचाई की नवीनतम पद्वति, जल संरक्षण पर भी चर्चा की हुई। डा. वारिश अली ने किसानों को एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न औद्यानिक फसलों में लगने वाले कीट-पतंगों व रोगों की रोकथाम व उपचार के बारे में बताया।
अपनाएं ये तरीका
आलू की अगेती व पचेती झुलसा बीमारी, मुजेक व ब्लैक स्कर्प की जानकारी भी दी। आरएस शर्मा ने किसानों को उद्यान रोपण की जानकारी दी। उद्यान निरीक्षक भूप सिंह द्वारा उद्यान विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओ व अनुदान के बारे में बताया। फल संरक्षण केंद्र बलवीर सिंह ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के बारे में जानकारी देते हुए अधिक से अधिक सूक्ष्म इकाई उन्नयन एवं नवीन इकाई ओडीपी स्थापना की सलाह दी।