यूपी विधानसभा चुनाव 2022: किसानों की भीड़ बताएगी भाजपा की असली हकीकत, जानिए क्या है मामला

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RGA न्यूज़

भाजपा के लिए दो दिन सबसे अहम रहने वाले हैं। प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलियों के बीच में अलीगढ़ में होने वाली 30 दिसंबर की रैली चुनाव की दिशा को तय करने का काम करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस रैली को संबोधित करेंगेढ़ में होने वाली 30 दिसंबर की रैली चुनाव की दिशा तय करेगी।

अलीगढ़, भाजपा के लिए दो दिन सबसे अहम रहने वाले हैं। प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलियों के बीच में अलीगढ़ में होने वाली 30 दिसंबर की रैली चुनाव की दिशा को तय करने का काम करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस रैली को संबोधित करेंगे। एक लाख कार्यकर्ताओं का लक्ष्य रखा गया है। यह रैली भाजपा के लिए इसलिए अहम है कि किसान आंदोलन के बाद जाटलैंड में बड़ी रैली है। ऐसे में जनसभा में पहुंचने वाली किसानों की भीड़ यह बताने का काम करेगी कि वह भाजपा के साथ हैं या नहीं। केंद्र और प्रदेश की सरकारों से वो खुश है या नहीं? किसान आंदोलन के समय अलीगढ़ में भी किसानों ने मोर्चा खोला था। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली धरना प्रदर्शन में भी गए थे। वहीं, अलीगढ़ में भी कई महीनों तक आंदोलन जारी रहा था।

किसानों को मनाने में लगी भाजपा

किसानों ने ट्रैक्टर आदि रैली भी निकाली थी। भाजपा सांसद सतीश गौतम के घर पर धरना प्रदर्शन भी किया था। ऐसे में विपक्ष ने यह कहना शुरू कर दिया था कि भाजपा से किसान नाराज है। आगामी विधानसभा चुनाव में 2022 में वह भाजपा के साथ खड़ा नहीं होगा। हालांकि, कृषि कानून वापस लेने के बाद से किसानों के अंदर नाराजगी निकल गई थी। मगर, विपक्ष फिर भी भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में 30दिसंबर को यदि बड़ी संख्या में किसान अमित शाह की रैली में पहुंचते हैं तो साफ अंदाजा लग जाएगा कि किसान भाजपा के साथ हैं, उनमें कोई नाराजगी नहीं है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है। सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि सभी गांवों में जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं, वो किसानों से बड़ी संख्या में रैली में पहुंचने की अपील भी कर रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि किसानों के हित में यदि सबसे अधिक काेई संगठन खड़ा रहा है तो वो भाजपा है। भाजपा ने किसानों के हित में काम किया है। जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने कहा कि पार्टी ने हमेशा से किसानों के हित में कदम उठाए हैं। कृषि बिल को भी इसलिए बड़ा दिल करके पीएम ने वापस लेने का काम किया है। हालांकि, इसमें किसानों का फायदा था। मगर, आगे कदम बढ़ाने के लिए कई बार एक दो कदम पीछे चलना पड़ता है। जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि 30 दिसंबर को अमित शाह की रैली में बड़ी संख्या में किसान भी होंगे, जो प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ हुंकार भरते हुए दिखाई देंगे।

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