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RGA न्यूज़
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी और संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि व्यापारी सावधान रहें। जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी में बिक्री समान भरें अन्यथा अंतर होने पर अधिकारी अब उनसे सीधे वसूली कर सकेंगे।
व्यापारियों की बढ़ेंगी मुश्किलें, अफसरों के समय की होगी बचत
प्रयागराज, अब ऐसे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी जो जीएसटीआर-1 में माल की बिक्री पूरी और जीएसटीआर-3बी में कम दिखाते थे। जीएसटी काउंसिल ने ऐसे व्यापारियों पर शिकंजा कस दिया है। अगर वह बिक्री कम दिखाएंगे तो इसके लिए विभागीय अधिकारियों को उन्हें कारण बताओ नोटिस नहीं जारी करना पड़ेगा बल्कि, वह सीधे वसूली की कार्रवाई कर सकेंगे।
जीएसटी काउंसिल ने व्यवस्था में किया बदलाव, नए साल से लाग
यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू होगी। व्यवस्था में बदलाव से अफसरों के समय की भी काफी बचत होगी।जीएसटीआर-1 में व्यापारी पूरी बिक्री दिखाते हैं, क्योंकि उनसे माल खरीदने वाले व्यापारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का पूरा लाभ मिल सके लेकिन, बहुत से व्यापारी जीएसटीआर-3बी में बिक्री कम दिखाते हैं। जीएसटी-3 बी में दिखाई जाने वाली बिक्री पर जमा टैक्स सरकार को मिलता है। माना जा रहा है कि कर चोरी के मकसद से व्यापारी जीएसटीआर-3 बी में बिक्री कम दिखाते हैं। अभी तक की व्यवस्था में जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में बिक्री का अंतर (मिसमैच) होने पर सीजीएसटी अथवा वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी जीएसटी अधिनियम की धारा 74 के तहत पहले कारण बताओ नोटिस जारी करते थे। नोटिस का जवाब देने और फिर वसूली की कार्रवाई करने में महीनों लग जाता था। बहरहाल, अब जीएसटीआर-1 के साथ ही जीएसटीआर-3बी भरना भी अनिवार्य किया गया है।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी और संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि व्यापारी सावधान रहें। जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी में बिक्री समान भरें अन्यथा अंतर होने पर अधिकारी अब उनसे सीधे वसूली कर सकेंगे। वाणिज्यकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मिसमैच होने पर कारण पूछने के लिए नोटिस नहीं भेजना पड़ेगा। डिमांड नोटिस भेजकर वसूली की जा सकेगी। इससे कार्रवाई में करीब एक महीने की बचत होगी।