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पीयूष के कानपुर और कन्नौज स्थित पैतृक घर से मिली नकदी सोना-चांदी और संपत्तियों का जिक्र उसने अपने आयकर रिटर्न में कभी नहीं किया है। आयकर विभाग के रिटर्न जांचने पर यह चौंकाने वाला सच सामने आया है।
जरूरत पड़ी तो जेल में नोटिस देकर पीयूष जैन से आयकर विभाग करेगा पूछताछ।
कानपुर, जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की छापेमारी के बाद जेल भेजे गए इत्र कारोबारी पीयूष जैन का अब कड़ी कार्रवाई से बचना मुश्किल है। अधिकारियों के सामने इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने 194 करोड़ रुपये की नकदी, 23 किलो सोना, चांदी और अचल संपत्तियों को भले कारोबार से जुड़ा व पैतृक संपत्ति बताया हो, लेकिन आयकर की पूछताछ में उसका फंसना तय है। आयकर विभाग में दाखिल किए गए अपने रिटर्न में उसने कभी हाथ में नकदी, सोना, चांदी, अचल संपत्तियों का जिक्र नहीं किया है। इसलिए उसका यह जवाब काम नहीं आएगा कि सब कुछ उसका है। हालांकि, जीएसटी इंटेलीजेंस के अफसरों ने अभी अपनी औपचारिक रिपोर्ट आयकर को नहीं दी है। फिर भी आयकर ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
पीयूष के कानपुर और कन्नौज स्थित पैतृक घर से मिली नकदी, सोना-चांदी और संपत्तियों का जिक्र उसने अपने आयकर रिटर्न में कभी नहीं किया है। आयकर विभाग के रिटर्न जांचने पर यह चौंकाने वाला सच सामने आया है। अब पीयूष, उसकी पत्नी व पिता के रिटर्न के आधार पर आयकर विभाग प्रश्नावली तैयार कर रहा है। इन प्रश्नों को सभी से अलग-अलग पूछकर जवाब मांगा जाएगा। इससे जीएसटी इंटेलीजेंस के अफसर अपनी रिपोर्ट जैसे ही आयकर विभाग को देंगे, वैसे ही पीयूष को नोटिस भेजकर इन सवालों का जवाब मांगा जाएगा। आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अगर वह जेल में होगा तो वहीं नोटिस देकर उससे पूछताछ की जाएगी। अगर वह कहेगा कि यह सब उसका है तो सिर्फ कहने भर से काम नहीं चलेगा। उसे इसके सपोर्ट में अपने पास कुछ कागजात भी रखने होंगे। ऐसा न करने पर उससे 105 प्रतिशत वसूली होगी
अधिकारियों के मुताबिक, इस 105 प्रतिशत वसूली में जो धन जमा हो गया है, वह अलग है। बाकी पांच प्रतिशत धन जमा करने के लिए यह देखा जाएगा कि पीयूष जैन के पास कौन सी एक नंबर की संपत्ति है। इन संपत्तियों की नीलामी करके बाकी रकम वसूली जाएगी।