आज देरी की तो उठाना पड़ सकता है नुकसान, जल्द से जल्द भर दें आइटीआर

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RGA न्यूज़

अंतिम तारीख आज अनिवार्य रूप से जमा करा दें आयकर रिटर्न। देरी पर आर्थिक और अन्य नुकसान उठाने होंगे। जीएसटी में नए साल से लागू होंगे कई बदलाव। फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर के जीएसटी शुल्क ढांचे में एक जनवरी से बड़ा बदलाव होने जा रहा 

अंतिम तारीख आज, अनिवार्य रूप से जमा करा दें आयक

आगरा, जिन आयकरदाता को अपने खातों का आडिट करने की जरूरत नहीं, वह शुक्रवार तक अपना आयकर रिटर्न अनिवार्य रूप से दाखिल कर दें। ऐसा न होने पर वह वित्तीय वर्ष 2020-21 का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। साथ में उन्हें कई और नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं।

सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। देय तिथि तक अपना आइटीआर जमा नहीं करने पर आप उसे 31 मार्च, 2022 तक उसे जमा करवा सकते हैं, लेकिन ऐसे में तब आप चालू वर्ष के लिए किसी भी नुकसान को आगे बढ़ाने का अधिकार खो देंगे। इसलिए आपको चालू वर्ष के दौरान व्यवसाय आय या पूंजीगत लाभ या दो लाख रुपये से अधिक की हानि होती है, जिसे आप बाद के वर्षों में सेट-आफ के लिए आगे ले जाने के हकदार हैं, वह नहीं कर पाएंगे।

यह होगा नुकसान

देय तिथि तक आइटीआर दाखिल न करने पर यदि आपने अपनी कर देयता से अधिक टैक्स जमा किया है और रिटर्न के हकदार हैं, तो आपको रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा और यदि आपने कर देयता से कम टैक्स जमा किया है, तो ब्याज का भुगतान करना होगा। यदि आइटीआर नियत तिथि के बाद जमा किया जाता है और आपकी कर योग्य आय पांच लाख से अधिक है, तो आपको अपना आइटीआर दाखिल करते समय पांच हजार रुपये का विलंब शुल्क भी देना होगा। पांच लाख रुपये के कम आय होने पर विलंब शुल्क एक हजार रुपये है। आपके द्वारा कोई टैक्स देयता न भी हो, तब भी देरी से आइटीआर फाइल करने पर एक हजार रुपये की लेट फीस जमा करनी होगी।

नए साल पर जीएसटी शुल्क ढांचे में बड़ा बदलाव

सीए प्रेम गुल ने बताया कि फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर के जीएसटी शुल्क ढांचे में एक जनवरी से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत सभी प्रकार के फुटवियर और रेडीमेड कपड़ों समेत सभी टेक्साइटल उत्पाद (काटन को छोड़कर) पर 12 फीसद जीएसटी लगेगा। इतना ही नहीं, कर चोरी रोकने के लिए सरकार नए साल में कुछ बड़े कदम उठाने जा रही है जिसमें जीएसटी रिफंड पाने के लिए आधार सत्यापन की अनिवार्यता, जिन व्यापारियों ने कर अदा नहीं किया है उनकी जीएसटीआर-वन फाइलिंग सुविधा पर रोक लगाना आदि शामिल है। 

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