नए चीनी मिल की घोषणा से अलीगढ़ के किसानों के चेहरे खिले

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RGA न्यूज़

गन्ना किसानों को नए साल में नई चीनी मिल की सौगात मिलेगी। तालानगरी में आयोजित जन विश्वास सभा में सूबे के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में 500 करोड़ की लागत से नई चीनी मिल लगाई जाएगी।

मंत्री की इस घोषणा के बाद गन्ना किसानों में फिर उम्मीद जागी है।

अलीगढ़, गन्ना किसानों को नए साल में नई चीनी मिल की सौगात मिलेगी। तालानगरी में आयोजित जन विश्वास सभा में सूबे के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में 500 करोड़ की लागत से नई चीनी मिल लगाई जाएगी। नई मिल में किसान गन्ना लेकर जाएंगे, उनकी सारी समस्याएं खत्म होंगी। मंत्री की इस घोषणा के बाद गन्ना किसानों में फिर उम्मीद जागी है।

इंदिरा गांधी ने  की थी साथ सहकारी चीनी मिल की शुरूआत

जिले की पहली साथा सहकारी चीनी मिल का उद्घाटन 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। मिल की क्षमता 1200 टीसीडी थी। तब गन्ना किसानों को इस मिल से सुविधाएं मिलीं। समय गुजरता गया और मिल जर्जर होती गई। पिछले दो साल से मिल सुचारू रूप से नहीं चली। अब बंद पड़ी है। किसान नई मिल की मांग कर रहे हैं। कई बार घोषणाएं हुईं, लेकिन किसानों को नई मिल न मिल सकी। कोई उम्मीद नजर न आने पर किसानों का गन्ने की खेती से मोहभंग होने लगा। 2002 में गन्ने का रकबा करीब 22 हजार हेक्टेयर था, जो घटकर अब 4600 हेक्टेयर रह गया है। लधौआ चीनी मिल के बंद होने के बाद गन्ना किसान साथा चीनी मिल पर ही निर्भर थे। ये भी बंद हो गई। कुछ माह पहले मरम्मत का काम फिर हुआ था। इसमें भी 85 लाख रुपये खर्च हो गए। 24 दिसंबर को इसका उद्घाटन हुआ। दो दिन चलने के बाद मिल फिर बंद हो गई।

 

नई चीनी मिल स्थापित होती है तो किसानों को काफी लाभ मिलेगा। लेकिन सरकार को इस घोषणा पर पूरी तरह कायम रहना होगा।

वीरी सिंह, किसान, नगला लाले

अलीगढ़ में नई चीनी मिल की स्थापना होनी ही चाहिए। किसान परेशान हैं। सरकार किसानों की परेशानी को गंभीरता से समझे।

मलकू सिंह, किसान, गोवला

कैबिनेट मंत्री अपनी घोषणा पर कायम रहें तो गन्ना किसानों की समस्याएं दूर हो जाएंगी। किसान फिर से गन्ने की खेती करने लगेंगे।

महीपाल सिंह, किसान, नगला धनसारी

काफी समय से नई मिल की मांग हो रही है। अब नई मिल लगाने की घोषणा हुई है। कहीं यह चुनावी घोषणा बनकर न रह जाए।

रघुवरदास बबरौतिया, किसान, दादों

ऐसी घोषणा पहले भी कैबिनेट मंत्री कर चुके हैं। घोषणा पर किसानों को भरोसा नहीं है। किसानों को इंतजार है कि कासिमपुर पावर प्लांट के उद्घाटन के समय मुख्यमंत्री क्या घोषणाएं करते हैं। उस दिन भरोसा किया जाएगा। विरोध कम करने के लिए गन्ना विकास मंत्री लालीपाप दे रहे हैं।

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