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RGA न्यूज़
विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश के लिए लगभग सभी द्वार संवारे जा चुके हैं। उसी कड़ी में अब छात्रसंघ भवन का प्रवेश द्वार भी नए कलेवर में अब देखने को मिलेगा। इस द्वार का गेट खराब हो चुका था। इसे खोलने और बंद करने में काफी दिक्कतें होती थीं।
विश्वविद्यालय के अन्य द्वार की तर्ज पर संवारने में जुटा इवि प्रशास
प्रयागराज। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक छात्रसंघ भवन का प्रवेश द्वार जल्द ही नए कलेवर में देखने को मिलेगा। इस द्वार को संवारने के लिए कवायद भी शुरू कर दी गई है। जिस हिसाब से कार्य हो रहा है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह द्वार जल्द ही बनकर तैयार भी हो जाएगा। हालांकि, अभी इसके नामकरण पर कोई विचार नहीं किया गया है।
जल्द नया द्वार बनकर हो जाएगा तैयार तो मिलेगी काफी सहूलियत
विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश के लिए लगभग सभी द्वार संवारे जा चुके हैं। उसी कड़ी में अब छात्रसंघ भवन का प्रवेश द्वार भी नए कलेवर में अब देखने को मिलेगा। इस द्वार का गेट खराब हो चुका था। इसे खोलने और बंद करने में काफी दिक्कतें होती थीं। इसको संवारने के लिए छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने तत्कालीन कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के पास प्रस्ताव भी भेजा था। वहां से मंजूरी तो मिली लेकिन कार्य नहीं शुरू हो सका। अब कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के कार्यकाल में इस दिशा में काम शुरू हो चुका है। केपीयूसी गेट की तर्ज पर इसे भी बनाया जाएगा। अभी संशय इस बात पर है कि इस द्वार का कोई नामकरण होगा अथवा नहीं। इवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र का कहना है कि यह द्वार स्वामी विवेकानंद के नाम होना चाहिए। वह युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं। इसके लिए पूर्व कुलपति प्रो. हांगलू को पत्र भी भेजा गया था।
पीआरओ का है कहना
- विश्वविद्यालय के सभी परिसरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। इसी क्रम में छात्रसंघ भवन की तरफ द्वार बनने का कार्य प्रगति पर है। जल्द ही यह बनकर तैयार हो जाएगा। किसी भी द्वार को काई विशेष नाम नहीं दिया गया है।