मेरठ में बढ़ रहे कोरोना मरीज, 24 नए केस, ओमिक्रोन की जांच पेंडिंग

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RGAन्यूज़

Meerut Coronavirus News यह संकेत अच्‍छे नहीं हैं। मेरठ में कोरोना के मामलों में उछाल आने लगा है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि शनिवार को 5149 सैंपलों की जांच की गई जिसमें 24 में वायरस मिला।

मेरठ में 35 सैंपलों में ओमिक्रोन जांच की रिपोर्ट आने का इंतजार

। मेरठ में कोरोना संक्रमण अचानक रफ्तार पकड़ने लगा है। पिछले दिन 21 की जगह शनिवार को कोरोना के 24 नए मरीज मिले। इनमें कई में ओमिक्रोन संक्रमण की आशंका जताई गई है। उधर, एक में ओमिक्रोन की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 35 सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट नहीं आई है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि शनिवार को 5149 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 24 में वायरस मिला

स्थिति सामान्य

4211 सैंपलों को जांच के लिए लैब में भेजा गया है। नौ मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिसमें दो संतोष हास्पिटल, दो मिलिट्री हास्पिटल, एक मेडिकल कालेज एवं चार यथार्थ में भर्ती हैं। सभी की स्थिति पूरी तरह सामान्य है। 79 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। एक्टिव केस 88 हो चुके हैं। उधर, दो मरीज डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड प्रभारी डा. धीरज बालियान ने बताया कि 20 बेडों का ओमिक्रोन वार्ड ट्रामा सेंटर में संचालित है। सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में आइसीयू समेत सभी वार्डों को आपात स्थिति के लिए तैयार कर लिया गया

15-18 साल के 18 हजार युवकों को कल से लगेगी वैक्सीन

मेरठ : कोविड टीकाकरण का सुरक्षा कवच पर किशोरों को भी मिलेगा। सोमवार से 15 से 18 साल के उम्र वर्ग के किशोर एवं किशोरियों को कावैक्सीन लगाई जाएगी। पहले दिन 46 केंद्रों पर 18 हजार आबादी कवर की जाएगी। भीड़ से बचने के लिए आनलाइन व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई है। चिकित्सकों ने बताया कि ओमिक्रोन की संक्रामकता को देखते हुए बच्चों को भी टीकाकरण के दायरे में लाना जरूरी है

स्कूल खुले होते तो तेजी से होता टीकाकरण

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने बताया कि 46 केंद्रों पर 11800 किशोरों को मौके पर, जबकि 7080 को पंजीयन के आधार पर वैक्सीन लगाई जाएगी। 15 से 18 वर्ष उम्र वर्ग में जिले में कुल 3.20 लाख आबादी आंकी गई है। स्वास्थ्य विभाग तेज गति से टीकाकरण करने की योजना बना चुका है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि स्कूल खुले होते तो कक्षाओं में पहुंचकर टीकाकरण कर लिया जाता, लेकिन अब बच्चों को अस्पतालों तक पहुंचना होगा। उनके अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। 

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