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RGA न्यूज: संवाददाता वाराणसी : एक ओर जहां ¨हदू-मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं, वहीं रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम आरती कर काशी से दिलों को जोड़ने का पैगाम दिया है। सांप्रदायिक एकता का संदेश देने के लिए विशाल भारत संस्थान व मुस्लिम महिला फाउंडेशन की ओर से रविवार को वरुणानगरम् कालोनी में श्रीराम महाआरती का आयोजन किया गया। ¨हदू मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर श्रीराम आरती की और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों को करारा जवाब दिया। महिलाओं ने ढोल बजाकर बधाई गीत गाने के साथ ही एक-दूसरे को मिठाई खिला कर खुशी मनाई। श्रीराम आरती में गुरु अतिथि के रूप में रामानंदी संप्रदाय के धर्माचार्य पीठाधीश्वर महंत बालक का मुस्लिम महिलाओं ने तिलक लगाकर स्वागत किया। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में रचित श्रीराम आरती व श्रीराम प्रार्थना का गायन किया गया। महंत बालक दास ने कहा कि राम का पर्याय ही शांति है। राम नाम का अर्थ सद्भावना और एकता है, इसलिए गांवों में आज भी अभिवादन का स्वर राम-राम ही है। पंचगंगा फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. हेमंत गुप्ता ने कहा कि हमारा प्रयास शांति और सद्भावना के लिए होना चाहिए। सांप्रदायिक एकता के लिए जरूरी है कि सभी एक-दूसरे के धर्म और धर्म प्रतीकों का आदर करें। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि हम धर्म, जाति, मजहब बदल सकते हैं, लेकिन पूर्वजों को नहीं। प्रत्येक भारतीय कि लिए राम ही पूर्वज हैं, इसलिए उनके जन्म की खुशियों में सभी को शामिल होना चाहिए। वहीं बीएचयू के शोध छात्र अशोक यादव ने कहा कि धमकियों के बावजूद नाजनीन अंसारी इस्लाम का उदार चेहरा पेश करते हुए दिलों को जोड़ने का काम कर रहीं हैं। इस पुनीत कार्य में हम सब उनके साथ हैं। इस अवसर पर रिजवाना, तस्लीमा, फरजाना, पूनम सिंह, मदीना बानो, शहनाज, फातमा बीबी, नाजिया, अफसाना, नाजिया, शबाना बानो, कौसर जहां, जमीलुन्निशा आदि उपस्थित रहीं।