
Rga news वाशिंगटन एजेंसियां
अमेरिका में जारी एक ताजा आंकड़े के मुताबिक, साल 2014 से अब तक 20 हजार से अधिक भारतीय यहां राजनीतिक शरण की मांग कर चुके हैं। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) को यह जानकारी मुहैया कराई है। कैलिफोर्निया आधारित एनएपीए पंजाब से आए अवैध प्रवासियों के लिए काम करती है। आंकड़े के अनुसार, जुलाई तक सबसे ज्यादा 7,214 भारतीयों ने अमेरिका में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया। हालांकि इनमें सिर्फ 296 महिलाएं थीं। साल 2014 में 2,306 लोगों ने शरण पाने के लिए आवेदन किया था, जिनमें 146 महिलाएं थीं। अगले साल यानी 2015 में ऐसे आवेदन बढ़कर 2,971 हो गए, जिनमें से 96 महिलाओं के थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2016 में 123 महिलाओं सहित 4,088 लोगों ने और 2017 में 187 महिलाओं सहित 3,656 लोगों ने शरण पाने के लिए आवेदन किया। साल 2017 में, गृह सुरक्षा विभाग को 187 महिलाओं सहित 3,656 भारतीयों से शरण के लिए आवेदन मिल
एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने एक बयान में कहा, अमेरिका में शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या पिछले दो साल में लगभग दोगुना हो गई है। यह हम सभी के लिए चिंता का मुद्दा है। हर साल हजारों भारतीय अमेरिका में शरण पाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे इस काम में शामिल एजेंटों को कथित रूप से 25 से 30 लाख रुपये प्रति व्यक्ति तक देते हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने अवैध आव्रजन को लेकर सख्ती बरतने की नीति अपनाई है। ऐसा अवैध रूप से बढ़ते प्रवासियों को लेकर उठाया है।
उत्पीड़न पर मिलता है सहारा
चहल ने कहा, अमेरिका में राजनीतिक शरण से संबंधित कानून उन लोगों पर लागू होता है जिन्हें नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी खास सामाजिक समूह की सदस्यता या राजनीतिक विचार के कारण अपने देश में उत्पीड़ित होने की आशंका होती है। हिंसा और अपराध के सामान्य मामलों में यह नियम आसानी से लागू नहीं होता।
अमेरिका में जारी एक ताजा आंकड़े के मुताबिक, साल 2014 से अब तक 20 हजार से अधिक भारतीय यहां राजनीतिक शरण की मांग कर चुके हैं। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) को यह जानकारी मुहैया कराई है। कैलिफोर्निया आधारित एनएपीए पंजाब से आए अवैध प्रवासियों के लिए काम करती है। आंकड़े के अनुसार, जुलाई तक सबसे ज्यादा 7,214 भारतीयों ने अमेरिका में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया। हालांकि इनमें सिर्फ 296 महिलाएं थीं। साल 2014 में 2,306 लोगों ने शरण पाने के लिए आवेदन किया था, जिनमें 146 महिलाएं थीं। अगले साल यानी 2015 में ऐसे आवेदन बढ़कर 2,971 हो गए, जिनमें से 96 महिलाओं के थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2016 में 123 महिलाओं सहित 4,088 लोगों ने और 2017 में 187 महिलाओं सहित 3,656 लोगों ने शरण पाने के लिए आवेदन किया। साल 2017 में, गृह सुरक्षा विभाग को 187 महिलाओं सहित 3,656 भारतीयों से शरण के लिए आवेदन मिले है।
एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने एक बयान में कहा, अमेरिका में शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या पिछले दो साल में लगभग दोगुना हो गई है। यह हम सभी के लिए चिंता का मुद्दा है। हर साल हजारों भारतीय अमेरिका में शरण पाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे इस काम में शामिल एजेंटों को कथित रूप से 25 से 30 लाख रुपये प्रति व्यक्ति तक देते हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने अवैध आव्रजन को लेकर सख्ती बरतने की नीति अपनाई है। ऐसा अवैध रूप से बढ़ते प्रवासियों को लेकर उठाया है।
उत्पीड़न पर मिलता है सहारा
चहल ने कहा, अमेरिका में राजनीतिक शरण से संबंधित कानून उन लोगों पर लागू होता है जिन्हें नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी खास सामाजिक समूह की सदस्यता या राजनीतिक विचार के कारण अपने देश में उत्पीड़ित होने की आशंका होती है। हिंसा और अपराध के सामान्य मामलों में यह नियम आसानी से लागू नहीं होता।