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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को ब्रज के रंगे में रंगे दिखाई दिए। विकास योजनाओं के लोकार्पण पर उन्होंने प्रदेश के विकास की बातें तो खूब कीं मगर अलीगढ़ की धरती से मथुरा बरसाना गोकुल का भी कई बार जिक्र किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को ब्रज के रंगे में रंगे दिखाई दिए।
अलीग। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को ब्रज के रंगे में रंगे दिखाई दिए। विकास योजनाओं के लोकार्पण पर उन्होंने प्रदेश के विकास की बातें तो खूब कीं, मगर अलीगढ़ की धरती से मथुरा, बरसाना, गोकुल का भी कई बार जिक्र किया। अमूमन योगी यहां से तुष्टीकरण की राजनीति पर जमकर प्रहार करते रहे हैं, इस बार उन्होंने मथुरा का नाम लेकर सियासी गर्माहट पैदा कर दी है। योगी ने मथुरा मंदिर के भव्य निर्माण की बात करने के साथ ही जवाहर बाग कांड की यादें भी ताजा कीं। इससे मथुरा से सीएम के चुनाव लडऩे की चर्चाओं को ताकत मिली है, साथ ही कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। सबसे अधिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधना माना जा रहा है।
सीएम योगी ने मथुरा को भाषण में केंद्र बिंदु बनाया
भाजपा के पास पश्चिम उत्तर प्रदेश में दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे। लेकिन, उनके निधन के बाद अब इस क्षेत्र में भाजपा के पास कोई बड़ा नेता नहीं है। इसकी चिंता कल्याण के निधन के साथ ही भाजपा में नजर आने लगी थी। सीएम तब दो दिन अलीगढ़ रुके। अब सीएम ब्रज को केंद्र बिंदु में रखकर संत समाज और जनता की संभावनाओं को भी उम्मीदों के पंख लगा गए। ऐसा यूं ही नहीं है। मथुरा और वृंदावन का संत समाज करीब एक साल से योगी को मथुरा से चुनाव लड़ाए जाने की मांग कर रहा है। वृंदावन में सोमवार को संतों की बैठक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्ति की मांग के अलावा योगी के मथुरा से चुनाव लडऩे की भी मांग उठी थी। संतों ने कहा था कि यहां से यदि योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ते हैं तो ब्रज के लिए उपयोगी होगा। इसके दूसरे ही दिन मंगलवार को अलीगढ़ में सीएम ने ब्रज के धार्मिक स्थलों को लेकर सपा पर जमकर वार किया। करीब 27 मिनट के भाषण में सीएम ने मथुरा को केंद्र बिंदु
यह पड़ेगा असर
योगी मथुरा से चुनाव लड़ते हैं तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ा नेता तो मिलेगा ही, साथ ही ब्रज क्षेत्र में खासा असर पड़ेगा। ब्रज क्षेत्र में 65 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से 57 सीटों पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 2022 में भाजपा नेता सभी सीटों को जीतने का दावा कर रहे हैं। भाजपा के अंदरखाने यह भी चर्चा रहती है कि अधिकांश नेता पूर्वांचल से हैं। पश्चिमी यूपी खाली लगता है। यहां से दमदार नेता की जरूरत है, जिससे पश्चिमी यूपी की अलग पहचान बने। ऐसे में सीएम के ब्रज में आने से फिर एक नई हवा की शुरुआत हो सकती है। बहरहाल, सियासत में कुछ निश्चित नहीं है। आगमी दिनों में देखना होगा कि भाजपा क्या रणनीति बनाती है।