अलीगढ़ नुमाइश : अयोध्या के राम मंदिर को भेंट होगा 400 किलो का ताला

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RGAन्यूज़

ताला हो तो अलीगढ़ वाला। सुरक्षा की गारंटी माने जाने वाले यहां के अनेक ताले देखे भी होंगे लेकिन यह ताला अद्भुत है। चौंकाने वाला। पूरे चार सौ किलो का। लंबाई दस फीट। चौड़ाई छह फीट। 30 किलो ग्राम वजनी चार फीट की तो 

अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए भेंट करेंगे।

अलीगढ़ । ताला हो तो अलीगढ़ वाला। यह तो खूब सुना होगा। सुरक्षा की गारंटी माने जाने वाले यहां के अनेक ताले देखे भी होंगे, लेकिन यह ताला अद्भुत है। चौंकाने वाला। पूरे चार सौ किलो का। लंबाई दस फीट। चौड़ाई छह फीट। 30 किलो ग्राम वजनी चार फीट की तो चाबी है। यह ताला (पैड लाक) नुमाइश में आकर्षण का केंद्र बन गया है। पारंपरिक उद्योग की पहचान के लिए कारीगर शर्मा दंपती ने तैयार किया है। वे इसे अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए भेंट करेंगे।

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खासबात

अलीगढ़ के कारीगर ने तीन महीने में किया तैयार

फीट लंबा व 6 फीट चौड़ा है ताला

04 फीट लंबी चाबी तैयार की गई है

01 लाख रुपये खर्च हुए हैं ताला बनाने पर

हुनर में माहिर हैं सत्य प्रकाश

ताला बनाने के हुनर के माहिर ज्वालापुरी गली नंबर एक के सत्य प्रकाश शर्मा पहले भी कई बड़े ताले बना चुके हैं। इनका 300 किलो का ताला खूब चर्चा में रहा था। इस रिकार्ड को उन्होंने अब 400 किलो का ताला बनाकर तोड़ा है। वे 40 साल से ताला निर्माण से जुड़े हुए हैं। इनके पिता भोजराज शर्मा से ताला निर्माण की कला विरासत में मिली। करीब 65 वर्षीय सत्यप्रकाश मजदूरी पर ताला तैयार करते हैं। उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में तो काफी पहचान बना ली है। अब तो इस कारोबार को नई पीढ़ी उड़ान दे। अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है। छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। चार फीट का ताले का कड़ा है। इसके निर्माण पर एक लाख रुपए खर्च हुए हैं। कला व हुनर की सभी ने तारीफ की है। इस कला की निखारने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास की जरूरत है। उनकी पत्नी रुकमणी शर्मा तो ताले की खूबियां बताने लगीं। बोलीं, आसानी से नहीं टूटेगा। श्रीराम मंदिर अद्भुत बन रहा है। वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए। इसलिए अलीगढ़ का यह ताला मंदिर के लिए भेंट किया

अभी होंगे कई बदलाव

अयोध्या के लिए भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। आयरन का हुड़का, बाक्स, लीवर को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले की बाडी पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी।

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