ओमिक्रोन अलर्ट: कोरोना के खतरे में फिर ‘आनलाइन’ शिक्षा का सहारा, विद्यार्थी निराश, जानिए विस्‍तार से

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RGAन्यूज़

ओमिक्रोन व कोरोना संक्रमण की दोहरी दस्तक से जिले में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की चिंता भी जरूरी हो गई है। हर विद्यालय में वैक्सीनेशन का काम कराया जा रहा है। कक्षा एक से 10वीं तक के विद्यालयों को ठंड के चलते बंद रखने के आदेश भी जारी किए 

विद्यार्थियों की पढ़ाई आनलाइन माध्यम से कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।

अलीगढ़,। ओमिक्रोन व कोरोना संक्रमण की दोहरी दस्तक से जिले में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की चिंता भी जरूरी हो गई है। इसके चलते हर विद्यालय में वैक्सीनेशन का काम कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कक्षा एक से 10वीं तक के विद्यालयों को ठंड के चलते बंद रखने के आदेश भी जारी किए गए हैं। ऐसे में एक बार फिर शिक्षा क्षेत्र में आनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने की आशंका प्रबल हो रही है। मगर पढ़ाई में आनलाइन माध्यम के सहारा बनने की आशंका से विद्यार्थी काफी निराश

अटक जाती है उनकी पढ़ाई

शासन की ओर से आदेश हैं कि नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को सिर्फ कोरोना वैक्सीनेशन के लिए ही विद्यालय बुलाया जाए। उनकी व अवकाश में रहने वाले अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों की पढ़ाई आनलाइन माध्यम से कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में आनलाइन पढ़ाई से ऊब चुके विद्यार्थी एक बार फिर आनलाइन पढ़ाई की आशंका के बीच निराश हैं। खासतौर से माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी इसलिए भी विद्यालय आकर पढ़ाई करना चाहते हैं क्योंकि ज्यादातर के पास संसाधन भी उपलब्ध नहीं होते हैं। उनकी पढ़ाई अटक जाती है

यूपी टीईटी पर भी संकट के बादल

पिछली बार पेपर लीक होने से यूपी टीईटी निरस्त कर दी गई थी। इसको दोबारा 23 जनवरी को कराने की तिथि जारी की गई। मगर संक्रमण के फैलने की रफ्तार को देखते हुए इसके आयोजन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि शासन की ओर से अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया गया है। मगर शिक्षा विभाग में इसके स्थगित होने की चर्चाएं जोरों पर हैं

विद्यार्थियों के बोल

विद्यालय में आकर ही शिक्षकों के सामने बेहतर पढ़ाई व तैयारी होती है। आनलाइन पढ़ाई में बोरियत भी होती है और इंटरनेट भी अटकता है। विद्यालयों में छात्रों को बुलाया जाए।

निर्भय सिंह, 12वीं, डीएवी इंटर कालेज

16 जनवरी के बाद जब विद्यालय खुलेंगे तो अभिभावकों की अनुमति से विद्यालय आने दिया जाए। कक्षा में ही बेहतर तैयारी हो पाती है। शंकाओं का समाधान भी बेहतर होता है।

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