आरएसएस की पाठशाला से कल्‍याण सिंह समेत निकले कई दिग्‍गज नेता, बनाई नई पहचान

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RGAन्यूज़

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रवादी विचारधारा की पाठशाला है। इस पाठशाला से अलीगढ़ ही नहीं बल्कि देश में दिग्गज नेता निकले उन्होंने एक नई पहचान बनाई और राष्ट्र सेवा का काम किया। अलीगढ़ जिले में भी कई ऐसे नेता निकले।

अलीगढ़ जिले में भी कई ऐसे नेता निकले,

अलीगढ़,। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रवादी विचारधारा की पाठशाला है। इस पाठशाला से अलीगढ़ ही नहीं बल्कि देश में दिग्गज नेता निकले, उन्होंने एक नई पहचान बनाई और राष्ट्र सेवा का काम किया। अलीगढ़ जिले में भी कई ऐसे नेता निकले, जिन्होंने राजनीति में नया आयाम तय किया। इसमें सबसे बड़ा नाम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का है। कल्याण सिंह पढ़ाई के समय ही आरएसएस के संपर्क में आ गए थे

कल्‍याण को ऐसे मिली सफलता

1950 के दशक में ओम प्रकाश अलीगढ़ में प्रचारक बनकर आए थे। कल्याण सिंह उनके संपर्क में आए तो फिर आगे बढ़ गए। नियमित शाखा जाने लगे। खंड की जिम्मेदारी भी मिल गई। साइकिल से गांव-गांव शाखा लगाते और लोगाें से संपर्क करते। इसके बाद वो जनसंघ के संपर्क में आ गए। जनसंघ से ही उन्होंने पहला चुनाव 1962 में लड़ा था, मगर चुनाव हार गए। दूसरी बार फिर जनसंघ ने उन्हें मौका दिया। 1967 में दूसरा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इसके बाद कल्याण सिंह ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। यदि जिले में देखा जाए तो तमाम नेता हैं जो आरएसएस से निकलकर भाजपा में आए हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह भी आरएसएस से आए हैं। पहले वो आरएसएस में प्रचारक थे। अतरौली के साथ ही आगरा आदि जिलों में प्रचारक रहे। करीब 10 साल तक प्रचारक रहे, इसके बाद वो भाजपा में आ गए। भाजपा में तमाम पदों पर रहे। वर्तमान में जिलाध्यक्ष के पद पर हैं। चौधरी ऋषिपाल सिंह का कहना है कि संघ ऐसी पाठशाला है यहां से जो भी एक बार निकलता है वह सच्चा राष्ट्र भक्त बनकर निकलता है, उसके अंदर देशभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी जाती है। आरएसएस से ही शहर विधायक संजीव राजा भी निकलें हैं। वह संघ के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में आ गए। संजीव राजा ने कहा कि जीवन में तमाम उतार चढ़ाव देखें, मगर संघ से जुड़ाव होने के चलते आगे बढ़ते चले गए। संघ साहस बढ़ाता है, आगे का मार्ग प्रशस्त करता

आरएसएस ने आगे बढ़ना सिखाया

वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष गौरव शर्मा भी संघ के प्रचारक रहे हैं। गौरव ने बताया कि प्रचारक के रुप में उन्हें संपर्क और संवाद के बारे में जानकारी हुई। किस प्रकार से समाज के बीच में रह कर कार्य किया जा सकता है, उसके बारे में पता चला। संघ का प्रचारक बनने के बाद व्यक्ति सच्चा राष्ट्र भक्त बन जाता है, फिर उसके जीवन में कोई भी बाधा आती है तो वो पार कर ले जाता है। गौरव शर्मा ने कहा कि संघ ने उन्हें आगे बढ़ना सीखाया है, जिसकी बदौलत वो नया आयाम तय कर रहे हैं।

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