कोरोना संकट और उस पर से बढ़ी हुई जीएसटी, आगरा के जूता उद्योग पर पड़ रही दोहरी मार

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RGAन्यूज़

जूता कारोबारियों व श्रमिकों ने बेबीरानी मौर्य को सौंपा ज्ञापन। एक हजार रुपये तक बढ़ाई गई जीएसटी को वापस लेने की मांंग। कारोबारियों ने कहा कि सरकार ने जूता उद्योग को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना में शामिल किया हुआ है उसी तरह राहत भी दी जाए

आगरा के जूता कारोबार से जीएसटी की दरें कम करने को आवाज उठ रही है।

आगरा। जूता कारोबारियों, उत्पादकों व श्रमिकों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबीरानी मौर्य से करिअप्पा रोड स्थित उनके निवास पर मुलाकात कर जीएसटी में वृद्धि के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। उन्हें अवगत कराया कि दो वर्षों से कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा जूता उद्योग दोहरी मार नहीं झेल सकता है। जीएसटी में वृद्धि को वापस लिया

जूता कारोबारियों ने अवगत कराया कि घरेलू जूता उद्योग मुगल काल से पूरे देश के निम्न व मध्य तबके के लोगों की जूतों की जरूरत को पूरा करता रहा है। एक जनवरी से एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया गया है। इससे कुटीर उद्योग पर गहरा संकट है। जूता निर्माण से जुड़े परिवारों, छोटे कारोबारियों के सामने जीवन-यापन का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में जूता उद्याेग संकट से जूझ रहा है और जीएसटी वृद्धि के बाद दोहरी मार को नहीं झेल सकता है। कारोबारियों ने कहा कि सरकार ने जूता उद्योग को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना में शामिल किया हुआ है। अगर शीघ्र ही जूते पर जीएसटी की बढ़ी हुई दर को कम नहीं किया गया तो शहर में बेरोजगारों की एक फौज खड़ी हो जाएगी। संजय मगन, रोहित ग्रोवर, अजय महाजन, रवि मदान, दिलप्रीत सिंह सचदेवा, युसूफ शम्सी, ईशान मोहम्मद, संजय अरोड़ा, रोहित महाजन, चंद्रवीर सिंह मौजूद रहे

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