सेप्टेज प्रबंधन नीति की राह में लागू नहीं कर पा रहा अलीगढ़ नगर निगम, ये है वजह

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RGAन्यूज़

सरकार की सेप्टेज प्रबंधन नीति के तहत सेप्टिक टैंक खाली करने का समय निर्धारित होगा। इस सुविधा के एवज में नगर निगम हर वर्ष एक मुश्त राशि वसूलेगा। सेप्टिक टैंक की सफाई उसके भर जाने पर कराई जाती है जो निजी सफाई कर्मचारियों द्वारा होती

फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य अभी भी चल र

अलीगढ़,। सरकार की सेप्टेज प्रबंधन नीति को नगर निगम लागू नहीं कर पा रहा। इस नीति के तहत सेप्टिक टैंक खाली करने की पुरानी व्यवस्था पर अंकुश लगाया जाना था। कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। लेकिन, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पूरा न हो पाने से योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। जबकि, प्लांट का निर्माण बीते साल तक हो जाना चाहिए था। प्लांट तैयार हो जाता तो सेप्टिक टैंक से निकले मल का सीधे निस्तारण होता

सेप्‍टिक टैंक खाली करने का समय निर्धारित होगा

सरकार की सेप्टेज प्रबंधन नीति के तहत सेप्टिक टैंक खाली करने का समय निर्धारित होगा। इस सुविधा के एवज में नगर निगम हर वर्ष एक मुश्त राशि वसूलेगा। सेप्टिक टैंक की सफाई उसके भर जाने पर कराई जाती है, जो निजी सफाई कर्मचारियों द्वारा होती है। इसमें जोखिम बहुत है। सेप्टेज प्रबंधन नीति के तहत हर पांच वर्ष में सेप्टिक टैंक की निश्चित रूप से सफाई होगी। योजना का उद्देश्य वर्ष 2023 तक शहरी क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता में सुधार और जन स्वास्थ्य को सुरक्षित करना है। नगर निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगम इस सुविधा के एवज में प्रति परिवार से हर वर्ष 500 रुपये या पांच साल में एक मुश्त 2500 रुपये वसूलेगा। इसका लाभ उन लोगों काे मिलेगा, जिनके घर सीवर नेटवर्क में नहीं हैं। सेप्टिक टैंक के जरिए ही उनके यहां जल-मल का प्रबंधन हो रहा है।

कोरोना संकट का रोना

अधिकारी प्लांट के निर्माण में हुई देरी की वजह कोरोना संकट बता रहे हैं। जमालपुर में दो हजार वर्गगज भूमि पर ये प्लांट बन रहा है। प्लांट में सेप्टिक टैंक से निकला मल शोधित होगा। निगम के वाहन सेप्टिक टैंक खाली कर यहां मल का निस्तारण कराएंगे। यह व्यवस्था के लागू होते ही उन लोगों की मनमानी बंद होगी, जो निजी वाहनों से सेप्टिक टैंक खाली कर इधर-उधर मल फेंक देते हैं। निजी सफाई कर्मचारियों द्वारा सेप्टिक टैंक खाली कराने के दौरान अक्सर हादसे होते हैं। जहरीली गैस से कुछ कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माणाधीन है। प्लांट बनने के बाद सेप्टिक टैंक खाली करने में हो रही परेशानियों का निस्तारण हो सकेगा।

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