बीसीसीआइ और उप्र क्रिकेट एसोसिएशन को इलाहाबाद हाईकोर्ट का नोटिस, जानें क्‍या है मामला

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RGAन्यूज़

बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और लोढ़ा कमेटी की संस्तुतियों की अनदेखी की गई है। मनमाने ढंग से समानांतर बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की टीम तैयार कर ली गई है। सभी के नौ वर्ष पूरे हो चुके थे

भारत सरकार सहित सभी विपक्षियों से जवाब-तलब। मनमाने ढंग से नियुक्ति का मामला, सुनवाई तीन को।

प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के मनमाने ढंग से 40 आजीवन सदस्य व अयोग्य लोगों की डायरेक्टर पद पर नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर यूपीसीए और बीसीसीआइ को नोटिस जारी कर भारत सरकार सहित सभी विपक्षियों से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई तीन फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति डा. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एसोसिएशन के सात सदस्यों मनोज कुमार पुंडीर वह अन्य की याचिका पर दिया 

याची का कहना है कि बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और लोढ़ा कमेटी की संस्तुतियों की अनदेखी की गई है। मनमाने ढंग से समानांतर बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की टीम तैयार कर ली गई है। सभी के नौ वर्ष पूरे हो चुके थे। पहले भी डायरेक्टर रह चुके लोगों को फिर से डायरेक्टर बना लिया गया है, जो कि डायरेक्टर बनने के योग्य ही नहीं है। यह सभी गैर कानूनी तरीके से मनमानी करते हुए यूपीसीए का कामकाज देख रहे हैं। नियमानुसार बोर्ड आफ डायरेक्टर्स का चयन नहीं किया जा रहा है। नियमों को ताक पर रखकर 40 आजीवन सदस्य भी बना लिए गए हैं। कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई तीन फरवरी तय की है।

 

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