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चंडीगढ़ डिप्टी मेयर चुनाव में जब गुप्ता और आप के रामचंद्र यादव को बराबर बराबर 14 वोट मिले तो परिणाम की घोषणा में नया पेंच फंस गया। ऐसे में नगर निगम चुनाव में पहली बार ड्रा के जरिेये डिप्टी मेयर के नाम की घोषणा की
चंडीगढ़ की कमिश्नर आनिंदिता मित्रा ने डिप्टी मेयर के नाम की पर्ची निकाली
चंडीगढ़। नवनियुक्त डिप्टी मेयर अनूप गुप्ता के लिए कमिश्नर आनिंदिता मित्रा लकी रहीं। यह बात नगर निगम का हर कर्मचारी और पार्षद बोल रहा है। डिप्टी मेयर चुनाव में जब गुप्ता और आप के रामचंद्र यादव को बराबर बराबर 14 वोट मिले तो परिणाम की घोषणा में नया पेंच फंस गया। ऐसा नगर निगम के इतिहास में पहली बार हुआ।ऐसे में ड्रा करने का फैसला लिया तो पहले यह तय करना मुश्किल हो रहा था कि ड्रा की पर्ची किससे निकलवाई जाए। ई बनी मेयर सरबजीत कौर ने पहले सदन में बाहर से किसी व्यक्ति को बुलाने के लिए कहा। जब बाहर से कोई व्यक्ति नहीं मिला तो कमिश्नर को पर्ची निकालने के लिए कहा गया। जब कमिश्नर पर्ची निकाल रही थी तो उम्मीदवारों के साथ साथ दर्शक दीर्घा में बैठे भाजपा नेताओं की धड़कने बढ़ गई। उन्होंने पर्ची निकाली और मेयर के हाथ में थमा दी। मेयर ने अनूप गुप्ता का जैसे ही नाम लिया तो दर्शक दीर्घा में बैठे देवेंद्र सिंह बबला और अध्यक्ष अरुण सूद ने पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन को झप्पी डालकर एक दूसरे को बधाई दी। वहीं, अन्य नेताओं ने जय श्री राम के जयकारे लगाए। डिप्टी मेयर के उम्मीदवार को वोट डालने के बाद सांसद किरण खेर निकल गई थी। उन्हें गुप्ता के जीत की जानकारी बाद में ही मिली। अनूप गुप्ता के एक दोस्त गौरव जैन भी उस समय दर्शक दीर्घा में थे। वह लगातार भगवान से अनुप गुप्ता की जीत के लिए प्रार्थना कर रहे थे। गपशप करते नेता बोल रहे थे कमिश्नर अब आगे देखो किस किस के लिए लकी साबित होती हैं।
आप को दो एक बार मौका
आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने इस बार अपनी पार्टी का मेयर बनवाने के लिए काफी प्रयास किया। असल में वह राजनीतिज्ञ कम ही दिखते हैं। इसलिए मेयर चुनाव से पहले उन्होंने अपने उम्मीदवारों के लिए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन और कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला को फोन करके कहा कि एक साल के लिए उनके उम्मीदवारों को मौका दिया जाए बाकी के चार साल वह उन्हें दे देंगे। राजनीति में ऐसा होना संभव नहीं था कि कांग्रेस और भाजपा के नेता आम आदमी पार्टी के लिए ऐसा करें। विपक्षी दल के नेताओं ने भी हंसकर गर्ग को जवाब दे दिया। जहां हर दल में नेता हर छोटी सी बात का क्रेडिट लेने से पीछे नहीं हटते, वहीं गर्ग ऐसे हैं जो कि क्रेडिट की जहां बात आती है वहां पर खुद ही पीछे हट जाते हैं। प्रेम गर्ग भूलवंश मेयर चुनाव के मतदान के बाद सदन में पहुंच गए। जब उन्हें अहसास हुआ तो वह वापस जाने लग गए लेकिन ऐसे में भाजपा पार्षद कंवरजीत राणा और जसमनप्रीत की गर्ग पर नजर पड़ गई। बस फिर क्या था गर्ग को वापस आप के पार्षदों के पास ले जाया गया और जमकर राजनीति की गई। इस दौरान गर्ग को धक्के तक मारकर राजनीति को शर्मसार किया गया इसका किसी भी नेता को गम नहीं है। अब कई नेता बोल रहे है कि आज तो आप के अध्यक्ष को धक्के पड़े। कल अगर किसी और दल के अध्यक्ष के साथ ऐसा होगा तब भी वह क्या मौनी बाबा बने रहेंगे।