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Punjab Assembly Election 2022ः कंप्यूटर अध्यापकों ने फेसबुक पेज पर सीधे सीधे नो वोट टू कांग्रेस मुहिम चलाई है। कंप्यूटर अध्यापकों ने अपने फेसबुक पेज पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ पोस्ट डालकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर कटाक्ष
आचार संहिता लागू होते ही सरकारी कर्मचारियों के धरने प्रदर्शन भी बंद।
लुधियाना,। Punjab Assembly Election 2022ः चुनाव आयोग ने इस बार रैलियों, नुक्कड़ सभाओं व पब्लिक गैदरिंग पर 15 जनवरी तक पूरी तरह से रोक लगा दी। आयोग ने राजनीतिक दलों को वर्चुअल प्रचार करने की सलाह दी। ऐसे में राजनीतिक दलों ने इंटरनेट मीडिया (Internet Media) के जरिये अपना प्रचार प्रसार शुरू कर दिया। वहीं दूसरी तरफ आचार संहिता लागू होते ही सरकारी कर्मचारियों के धरने प्रदर्शन भी बंद हो गए। माना जा रहा था कि चुनाव आचार संहिता लागू खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व कांग्रेस पार्टी को कुछ राहत जरूर मिल जाएगी। लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने भी अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, वित्तमंत्री मनप्रीत बादल व कांग्रेस को इंटरनेट मीडिया पर घेरना शुरू कर दिया। सीएम, वित्त मंत्री व कांग्रेस के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर मुहिम चलाने में सबसे आगे कंप्यूटर फैकल्टी एसोसिएशन है
कंप्यूटर अध्यापकों ने फेसबुक पेज पर सीधे सीधे नो वोट टू कांग्रेस मुहिम चलाई है। कंप्यूटर अध्यापकों ने अपने फेसबुक पेज पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ पोस्ट डालकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर कटाक्ष किए हैं और साथ ही यह कहा है कि कांग्रेस को वोट न दें। पंजाब में 7000 से अधिक कंप्यूटर टीचर हैं जो कि आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार से पूरे वेतन और भत्तों की मांग कर रहे थे। कंप्यूटर अध्यापकों का कहना है कि राज्यपाल की मंजूरी के बाद उन्हें अकाली भाजपा गठबंधन सरकार में पक्का किया गया लेकिन उसके बाद से उन्हें पूरा वेतन नहीं मिला और न ही भत्ते
इसके अलावा सूबे में काम कर रहे 13 हजार ईजीएस, एआईई, एसटीआर, आईईवी व शिक्षा प्रोवाइडरों ने तो गवर्नमेंट टीचर्स इन पंजाब फेसबुक पेज पर यहां तक लिख दिया कि हम सारे 13 हजार अध्यापक परमात्मा को हाजिर मान के कसम खाते हैं कि हम कभी भी जिंदगी में कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं देंगे। इनका डटकर विरोध करेंगे। इसी तरह अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारी भी फेसबुक पर विरोध कर रहे हैं जोकि कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकते हैं।