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Swami Vivekananda Jayanti अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व धर्म सम्मेलन से पहले स्वामी विवेकानंद मेरठ आए थे। यहां कई माह रूके थे। टाउनहाल की लाइब्रेरी में वेद पुराण योग उपनिषद दर्शन साहित्य धर्म आदि का उन्होंने में अध्ययन किया
चौधरी चरण सिंह विवि परिसर में लगी स्वामी विवेकानंद की ताम्र प्रतिमा
मेरठ,। राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन स्वामी विवेकानंद की जयंती का है। उनसे युवा आज भी सबसे अधिक प्रभावित और प्रेरित हैं। स्वामी विवेकानंद के विचार छात्र से लेकर हर युवा को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। यह मेरठ का सौभाग्य रहा है कि स्वामी विवेकानंद यहां लंबे समय तक रहे। उनकी शहर में कई जगह प्रतिमाएं उनकी मौजूदगी का अहसास भी कराती हैं
स्वामी विवेकानंद की पढ़ी पुस्तकें आज तिलक लाइब्रेरी की धरोहर
अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व धर्म सम्मेलन से पहले स्वामी विवेकानंद मेरठ आए थे। टाउनहाल की लाइब्रेरी में वेद, पुराण, योग, उपनिषद, दर्शन, साहित्य, धर्म आदि का उन्होंने में गहनता से अध्ययन किया था। उनकी पढ़ी हुई कुछ पुस्तकें आज टाउनहाल की तिलक लाइब्रेरी में धरोहर हैं।
मेरठ में मनाया था जन्मदिन
इतिहासकार डा. केडी शर्मा बताते हैं कि स्वामी विवेकानंद हरिद्वार से होते हुए मेरठ आए थे। स्वास्थ्य लाभ के लिए वह पांच माह तक मेरठ में रहे। इतिहास के प्रमाण के अनुसार सात सितंबर 1890 से 28 जनवरी 1891 तक वह मेरठ में रहे। 12 जनवरी 1891 को अपना जन्मदिन भी मेरठ में ही मनाया था। स्वामी विवेकानंद कैंट में फौज की परेड देखा करते थे। तिलक लाइब्रेरी में जाकर पुस्तक लाते थे, अगले दिन लौटा देते थे। इतिहासकारों के अनुसार पुस्तक पढ़ने के बाद वह महत्वपूर्ण पंक्तियों को अंडरलाइन भी करते थे, ये किताबें लाइब्रेरी में सुरक्षित हैं।
युवाओं को मिलता है बड़ा संदेश
शहर में सूरजकुंड में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा है। तो सीसीएसयू परिसर में 12 फीट ऊंची तांबे की प्रतिमा लगाई गई है। जिससे युवाओं में सकारात्मक ऊर्जा के संचार और अपने लक्ष्य के लिए संघर्ष करने का संदेश मिलता है।