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RGAन्यूज़
402 सैंपल यानी 79 प्रतिशत में ओमिक्रोन वैरिएंट मिला है जबकि 17 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है। इससे पहले 25 से 31 दिसंबर की रिपोर्ट में 28 प्रतिशत ओमिक्रोन 32 प्रतिशत मामले डेल्टा के और 38 प्रतिशत मामले अन्य वैरिएंट के मिले थे।
राजधानी में संक्रमण के मामलों में जो तेज उछाल आ रहा है।
नई दिल्ली,। राजधानी में संक्रमण के मामलों में जो तेज उछाल आ रहा है। उसकी वजह ओमिक्रोन वैरिएंट ही है। इसकी पुष्टि जीनोम सीक्वेंसिंग की हालिया रिपोर्ट में हुई। इसके मुताबिक 79 प्रतिशत सैंपल में ओमिक्रोन वैरिएंट मिला है। राजधानी में एक से आठ जनवरी के बीच लिए गए 511 सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को मिल गई है
इसके मुताबिक 402 सैंपल यानी 79 प्रतिशत में ओमिक्रोन वैरिएंट मिला है, जबकि 17 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है। इसके अलावा करीब चार प्रतिशत सैंपल में दूसरे वैरिएंट भी पाए गए हैं। इससे पहले 25 से 31 दिसंबर की रिपोर्ट में 28 प्रतिशत ओमिक्रोन, 32 प्रतिशत मामले डेल्टा के और 38 प्रतिशत मामले अन्य वैरिएंट के मिले थे
राजधानी में हाल के दिनों में कोरोना से मरीजों की मौत के आंकड़े बढ़े हैं। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा है कि दूसरी गंभीर बीमारियों से पीडि़त संक्रमित मरीजों का अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर ही इलाज करें और ऐसे मरीजों का विशेष ध्यान रखा जाए। महानिदेशालय ने कहा है कि हाल के दिनों में कोरोना से मरने वाले ज्यादातर मरीजों को कैंसर, लिवर व दिल के रोग इत्यादि गंभीर बीमारी थी। इसलिए सभी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की प्रक्रिया ऐसी हो, जिसमें मरीज को
पांच से नौ जनवरी के बीच दिल्ली में कोरोना से 46 मरीजों की मौत के मामलों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि करीब 74 प्रतिशत मरीजों को कोरोना के अलावा कोई दूसरी गंभीर बीमारी थी। 45.65 प्रतिशत मरीज तो अस्पतालों में भर्ती ही दूसरी गंभीर बीमारी के कारण हुए थे। अस्पताल में जांच करने पर उनकी रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई थी।
प्राइमस अस्पताल के जेरियाट्रिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. विजय गुर्जर ने ट्वीट कर कहा है कि इन दिनों कोरोना का संक्रमण इतना फैल गया है कि किसी दूसरी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मरीज को भर्ती कर कोरोना की जांच करने पर उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है। इससे दूसरी गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों को कोविड वार्ड में भेज दिया जाता है। दूसरी गंभीर बीमारी के कारण मौत होने पर भी कोविड से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है।