भाजपा विधायक ने सरकार के ही खिलाफ खोला था मोर्चा, बांदा जिलाध्यक्ष बोले-नहीं सीख सके संस्कार

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RGAन्यूज़

Swami Prasad Maurya Supporter Banda बांदा में तिंदवारी से भाजपा विधायक रहे ब्रजेश प्रजापति ने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता बताया और उनके साथ जाने की बात कही है। वह हमेशा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहे। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष ने उन्हें संस्कारहीन बता दिया है

बांदा के तिंदवारी के विधायक ब्रजेश प्रजापति ने बढ़ाई सियासी हलचल।

बांदा,। तिंदवारी से भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति के पार्टी से इस्तीफा देने पर बुंदेलखंड में सियासत गरम हो गई है। हालांकि, भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनके जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उन्होंने कभी संस्कार सीखे ही नहीं थे। वहीं दूसरी ओर ब्रजेश ने भी भाजपा पर कई आरोप भी लगाए हैं। प्रदेश के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य खेमे में खास रहे बृजेश अब सपा का दामन थाम सकते हैं। विधायक रहते वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहे और भाजपा के बड़े कार्यक्रमों से भी गायब रहे।

क्या बोले बांदा जिलाअध्यक्ष : तिंदवारी विधानसभा सीट से वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर विधायक बने ब्रजेश प्रजापति ने इस्तीफा देने के बाद बांदा के भाजपा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद ने उन्हें संस्कारहीन बता दिया है। उनका कहना है कि तानाशाही, गुंडई और वसूली की छवि रखने वाले ब्रजेश पार्टी में आने के बाद भी संस्कार नहीं सीख सके। आमजन में उनकी छवि इसीलिए खराब थी। कभी जरूरत के समय में वह किसी के साथ खड़े नहीं हुए। भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी

ब्रजेश ने भाजपा पर लगाए आरोप : हमेशा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहे भाजपा विधायक ने इस्तीफा देेन के बाद पार्टी पर कई आरोप लगाए है। उन्होंने इस्तीफे में कहा है कि भाजपा में दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई। उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। प्रदेश सरकार में किसानों, बेरोजगार व नौजवानों की घोर उपेक्षा हुई। कहा कि मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य हमारे नेता हैं। वह 

छात्र राजनीति से शुरू किया था सफर : बड़ोखर खुर्द ब्लाक के जारी गांव निवासी बृजेश प्रजापति के पिता स्व. जोगीलाल प्रजापति बुंदेलखंड में बसपा से वरिष्ठ नेता व विभिन्न सरकारों में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। 38 वर्षीय बृजेश प्रजापति ने यहां पंडित जेएन डिग्री कालेज से छात्र राजनीति शुरू की। करीब 10 वर्षों के राजनीतिक सफर में वह विधानसभा पहुंचे

खनन को लेकर खोला था मोर्चा : ब्रजेश ने 2019 में अवैध खनन को लेकर सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। धरना-प्रदर्शन कर तत्कालीन खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह के साथ हाथापाई हुई थी। एक-दूसरे खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। सुरक्षा गार्ड बदले जाने पर इन्होंने सुरक्षा लेने से मना कर दिया

कृषि विवि में भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आए : विधायक बृजेश ने पिछले वर्ष कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में भर्ती को लेकर मोर्चा खोला था। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक पत्राचार किया था। इसके बाद शासन स्तर पर मंडलायुक्त को भर्ती के संबंध में जांच सौंपी गई थी। वर्ष 2019 में लखनऊ में एक अधिकारी से रंगदारी वसूलने को लेकर मारपीट में भी चर्चा 

बसपा में कई ओहदे संभाले : बृजेश बसपा सरकार में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य के पद पर रहे। 2012 में चुनाव प्रभारी व विधानसभा तिंदवारी से बसपा प्रत्याशी रहे। बसपा ने बाद में टिकट काट दिया। इसके बाद कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ इन्होंने 2017 में भाजपा का दामन थामा और मोदी लहर में विधायक बने।

भाजपा के कार्यक्रमों से गायब रहने से तेज थी अटकलें : भाजपा विधायक कुछ दिन से प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रमों में नहीं दिख रहे थे। इससे अटकलें तेज थीं। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने इसको लेकर जन विश्वास यात्रा के दौरान उन पर तंज भी कसा था। दरअसल, ङ्क्षतदवारी विधायक ब्रजेश कुमार प्रजापति अपने तेवरों के चलते हमेशा चर्चा में रहे।

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