तैयार हैं बुंदेले : 19 विधानसभा सीटों वाले बुंदेलखंड पर निगाहें, बनेगा सियासत का बूस्टर डोज

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RGAन्यूज़

यूपी में विधानसभा चुनाव का बिगूल बजने के बाद भाजपा सपा कांग्रेस और बसपा समेत सभी राजनीतिक दलों की निगाहें 19 विधानसभा सीटों वाले बुंदेलखंड पर आ टिकी हैं। इन सीटों पर जीत सियासत का बूस्टर डोज बन सकती 

बुंदेलखंड की चुनावी बिसात पर राजनीतिक द

कानपुर, [शिवा अवस्थी]। विधानसभा चुनाव की दुंदुभि बज चुकी है। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही सपा, बसपा और कांग्रेस से लेकर छोटे-छोटे दलों ने बिगुल फूंक दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश व पूर्वांचल पर कब्जे की होड़ के बीच बुंदेलखंड की राजनीतिक ताकत को अनदेखा नहीं किया जा सकता। पश्चिम और पूर्वांचल के लिए लड़ाई के बीच 19 विधानसभा सीटों वाले बुंदेलखंड को अपने पक्ष में करना राजनीतिक दलों के लिए ताकत की बूस्टर डोज से कम नहीं है। यही वजह है कि राजनीतिक दल यहां कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हों या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बुंदेलखंड पर पूरे समय मेहरबान रहे। लगातार अलग-अलग जिलों में उनके दौरे और जनसभाएं इसके प्रमाण हैं। विकास परियोजनाओं के कई उपहार भी दिए। उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बुंदेलखंड को साधने में पीछे नहीं। अपनी समाजवादी विजय यात्रा से इस इलाके को वह भी मथ चुके

तेजी से पूरी हुईं अधूरी परियोजनाएं

बुंदेले भी तैयार हैं तो इस बार बुंदेलखंड बोलेगा भी। कभी यहां के लिए कहावत कही जाती थी कि वृक्ष यहां फलदार नहीं, धरती उपजदार नहीं, सिसकियां थीं तो सूखे की मार आम बात थी। गर्मी के दिनों में मालगाड़ी से पीने के लिए पानी लाया जाता था। अब ये सब बीते दौर की बातें हैं। वृक्ष फल दे रहे हैं तो धरती उपजदार है। जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पाइप लाइन पहुंच रही है तो जल संरक्षण की दिशा में हुए प्रयासों से अब मालगाड़ी में लादकर धान भेजा जा रहा है। बीते सात वर्षों में बुंदेलों ने बदलाव के कई सोपान गढ़े, लिखे हैं। अधूरी योजनाएं पूरी हुई हैं तो नए ख्वाब बुने गए। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ रोजगार और पलायन रोकने की दिशा में काम हुए हैं। बुंदेले इसके पीछे विकास का मास्टर स्ट्रोक बताते हैं

बुंदेलखंड में विकास का अतीत

वर्ष 2012 के बाद बुंदेलखंड में सपा शासनकाल और इससे पहले बसपा शासनकाल में तमाम परियोजनाओं की नींव रखी गई, लेकिन ज्यादातर बजट और निरंतर कार्य नहीं होने से अधूरी ही रहीं। वर्ष 2017 में बुंदेलखंड के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, ललितपुर और झांसी की 19 सीटों पर भगवा परचम लहराया था। विकास के वादे संग तब भाजपा उतरी थी, जिसकी गवाही बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, झांसी व चित्रकूट में डिफेंस कारिडोर के साथ ही कई सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण, पर्यटन विकास, चित्रकूट की बहुप्रतीक्षित यूपी-एमपी फ्री जोन की पूरी हुई आस दे रही है।

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