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RGAन्यूज़
UP Assembly Elections 2022 वैश्विक कोरोना महामारी के बीच हो रहे विधानसभा चुनाव में प्रचार का सबसे बड़ा माध्यम इंटरनेट मीडिया बन रहा है। जिले में पहली बार इंटरनेट मीडिया पर निगरानी करने के लिए सशक्त टीम लगाई गई है। आइटी के एक्सपर्ट भी लगाए गए
चुनावी दौर है जनाब, संभल कर पोस्ट कीजिए, नहीं तो झेलना पड़ सकता है मुकदमा
बरेली, : यूपी में विधानसभा चुनाव का दौर शुरू हो चुका है। दूसरी तरफ वैश्विक महामारी कोरोना भी अपनी तीसरी लहर का असर तेजी से दिखा रही है। ऐसे में राजनीतिक दल सहित राजनेता इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हो गए है। जिसके चलते प्रचार के तौर पर सूचनाओं का सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर पोस्ट करने का दौर भी चल रहा है। इस दौर में सोशल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने में थोड़ा सावधानी बरतनी पड़ेगी। कहीं ऐसा न हो आपकी लापरवाही से की गई पोस्ट आपकाे मुश्किल में न डाल दे। कहीं आपको मुकदमा न झेलना पड़ जाए।
दरअसल में इस बार विधानसभा चुनाव में प्रचार का सबसे बड़ा माध्यम इंटरनेट मीडिया बन रहा है। बदायूं में पहली बार इंटरनेट मीडिया पर निगरानी करने के लिए सशक्त टीम लगाई गई है। आइटी के एक्सपर्ट भी लगाए गए हैं, ताकि कहीं कोई चूक न होने पाए।किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति की ओर से आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर मुकदमा हो सकता है। इसमें शामिल अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है जो हर तरीके के प्रचार पर अपनी नजरें लगाए हुए हैं। चुनाव आयोग की गाइड लाइन के अनुसार राजनीतिक दलों की प्रचार सामग्री प्रकाशित कराने से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेना
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू करने के दौरान इस बात की पाबंदी लगा दी है कोई भी राजनीतिक दल 15 जनवरी तक किसी भी तरह की सभा, यात्रा आदि नहीं करेगा। यह सब आयोग ने वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते किया है। आयोग की इस पाबंदी के बाद राजनीतिक दलों में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचार की होड़ सी मच गई। आयोग के निर्देश है कि कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरह की आपत्तिजनक सामग्री का प्रचार प्रसार नहीं करेगा। खासकर इंटरनेट मीडिया पर अक्सर यह देखा जाता है कि बहुत से लोग चर्चा में आने के लिए आपत्तिजनक बातों को
कोई भी राजनीतिक दल इंटरनेट पर आपत्तिजनक हम इतनी पोस्ट न कर सके, इसके लिए सख्त पहरा लगाया गया है। आयोग के दिशा निर्देश अनुसार जिला प्रशासन की ओर से एक निगरानी कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी इंटरनेट मीडिया पर डाली गई हर तरह की चुनाव संबंधी प्रचार सामग्री पर पैनी नजर रख रही है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में बुधवार को निगरानी कमेटी के सदस्यों की बैठक हुई। सूचना विभाग के कार्यालय में कमेटी के सदस्यों की बैठक और यहीं से निगरानी करने की व्यवस्था कराई गई है। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत मनोज कुमार सिंह नोडल अधिकारी बनाए गए
जबकि सहायक सूचना निदेशक बाबूराम इसके सचिव होंगे। निगरानी कमेटी में अधिकारियों के अलावा वरिष्ठ मीडिया कर्मी भी शामिल किए गए हैं। यह कमेटी आपत्तिजनक पोस्ट की रिपोर्ट देगी, जबकि विज्ञापन का अनुमोदन भी यहीं से दिया जाएगा। बैठक में सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी केके कश्यप भी मौजूद रहे।I