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RGAन्यूज़
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप कुमार के केस साफ कहा है कि जिसने पहले आरक्षण का लाभ लिया हो वह सामान्य सीट पर शामिल नहीं किए जा सकते जबकि ओबीसी व एसटी अभ्यर्थी टीईटी की परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले
सूची में शामिल अभ्यर्थियों को फाइनल नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है।
, नैनीताल: हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ जिले में सहायक अध्यापक बेसिक के पदों के लिए पहले जारी चयन सूची को फिर संशोधित कर उसमें ओबीसी व एसटी अभ्यर्थियों को शामिल कर सूची जारी करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने महानिदेशक शिक्षा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, सचिव विद्यालयी शिक्षा और जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक पिथौरागढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही सूची में शामिल अभ्यर्थियों को फाइनल नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है। यह भी साफ किया कि नियुक्ति प्रक्रिया अदालत के निर्णय के अधीन
शुक्रवार को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में पिथौरागढ़ निवासी च्योति उप्रेती समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता का कहना था कि तीन जनवरी को डीईओ बेसिक ने मेरिट के आधार पर चयन सूची जारी की गई थी। इस सूची में याचिकाकर्ताओं के नाम शामिल थे। पांच जनवरी को जारी संशोधित सूची में छह ओबीसी व एक एसटी अभ्यर्थी को शामिल कर लिया और याचिकाकर्ताओं को बाहर कर दिया गया। उनका कहना था कि 21 दिसंबर को शिक्षा विभाग ने सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा था कि जो आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी मेरिट सूची में ऊपर हैं तो उन्हें सामान्य की सूची में शामिल किया जाए
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप कुमार के केस साफ कहा है कि जिसने पहले आरक्षण का लाभ लिया हो, वह सामान्य सीट पर शामिल नहीं किए जा सकते जबकि ओबीसी व एसटी अभ्यर्थी टीईटी की परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले चुके हैं। चयन सूची में शामिल एक अभ्यर्थी ने आयु सीमा में छूट तक का लाभ लिया था। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी के लिए नियत की गई है।