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देशभर में मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। इसें उत्तराखंड के कुमाऊं में घुघुतिया त्यार नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ दान व पुण्य का महत्व तो है। कुमाऊं में मीठे आटे से पकवान बनाने का भी चलन है
मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ दान व पुण्य का महत्व है।
: भगवान भाष्कर के मकर में प्रवेश करने पर देशभर में मकर संक्रांति पर्व मनाई जाती है। इसे उत्तराखंड के कुमाऊं में घुघुतिया त्यार नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ दान व पुण्य का महत्व तो है। कुमाऊं में मीठे पानी में से गूंथे आटे से विशेष पकवान बनाने का भी चलन है। बागेश्वर से चम्पावत व पिथौरागढ़ जिले की सीमा पर स्थित घाट से होकर बहने वाली सरयू नदी के पार (पिथौरागढ़ व बागेश्वर निवासी) वाले महीने के अंत तक इसे मनाते हैं। आइए तस्वीरों में देखते हैं कुमाऊं भर में मनाए गए त्योहार की झलक...
हल्द्वानी के रानीबाग चित्रशाला घाट में गार्गी नदी के तट पर यज्ञोपवीत संस्कार कराने पहुंचे बटुकों ने आगामी विधानसभा चुनाव में अनिवार्य रूप से मतदान करने का संदेश दिया।
कुमाऊंभर में मीठे आटे की घुघुत तलकर माला बनाई जाती है, जिसे कौए को खिलाने की परंपरा है। बच्चों के लिए यह विशेष आकर्षण का पल होता है
मकर संक्राति में नदी में स्नान का बड़ा महत्व होता है। बागेश्वर की पवित्र सरयू में श्रद्धालुओं ने भोर से ही डुबकी लगानी शुरू कर दी
मकर संक्राति के दिन स्नान के बाद पूजन व दान का विशेष महत्व है। बागेश्वर में सरयू स्नान के बाद लोगों ने भगवान बागनाथ को जलाभिषेक किया