ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर बदली भारत सरकार की गाइडलाइन, अब मौत के बाद भी जीनोम सिक्वेंसिंग

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RGAन्यूज़

कोरोना संक्रमितों में वैरिएंट की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग मरीजों की मृत्यु के बाद भी जीनोम सिक्वेंसिंग कराएगा। ताकि वैरिएंट का पता लगाया जा सके। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई संक्रमितों की मौत से सबक लेकर यह परिवर्तन किया गया है

अब कोरोना संक्रमित की मौत होने के बाद भी वैरिएंट का पता लगाने के लिए होगी जीनोम सिक्वेंसिंग।

 

लखनऊ, जासं । कोरोना संक्रमित मरीजों में वैरिएंट की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत संक्रमण के कारण मरीजों की मृत्यु के बाद भी जीनोम सिक्वेंसिंग कर वैरिएंट का पता लगाया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई संक्रमितों की मृत्यु से सबक लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गाइडलाइन में यह परिवर्तन किया गया है।

इसके तहत कोरोना के कारण होने वाली मौतों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जायेगी। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि संक्रमित की मौत किस वैरिएंट से हुई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, यह फिलहाल अभी मौखिक तौर पर निर्देश आया है कि अगर कोरोना से कोई मृत्यु होती है तो उसके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जायेगी। कोरोना की जांच में सैपलिंग के दौरान जांच करने वाले संस्थान द्वारा कुछ समय अंतराल के लिए सैंपल को सुरक्षित रखा जाता है। ताकि जरूरत पड़ने पर अन्य जांचे की जा सके। हालांकि, अब तक राजधानी में अभी तक कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है

अभी तक विदेश से आने वाले और ओमिक्रोन के संपर्क के मरीजों की ही हो रही सिक्वेंसिंगः मौजूदा समय में सिर्फ उन लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है, जो विदेश से आने पर आरटीपीसीआर में पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त ओमिक्रोन पॉजिटिव के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की कांटैक्ट ट्रेसिंग के दौरान जीन सिक्वेंसिंग कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे सभी व्यक्तियों का नमूना जीन सिक्वेंसिंग के लिए भेज रही है, लेकिन अब यदि कोरोना संक्रमित की मौत हो जाती है, तो उसमें वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।

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