यूपी चुनाव 2022: 32 साल बाद मेरठ की चुनावी रणभूमि में नहीं दिखेंगे बाजपेयी

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RGAन्यूज़

UP Assembly Elections 2022 1989 भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष 71 साल के डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी में पहली बार मेरठ की शहर सीट से लड़े थे चुनाव। वे मायावती सरकार में पशुधन मंत्री भी बनाये गए थे। ऐसा रहा सियासी

UP Chunav 2022 हालांकि डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी राजनीति में रहेंगे सक्रिय।

मेरठ,। UP Chunav 2022 राजनीति के सफर में भाग्य का पहिया रफ्तार बदलता रहता है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष 71 साल के डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने चुनावी पिच पर मैराथन पारी खेला, और अब बल्ला खूंटी पर टांगने का निर्णय लिया। हालांकि वो सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें कोई दूसरा बड़ा ओहदा देगी।

ऐसे की थी शुरुआत

1964 से जनसंघ के दीपक निशान से शुरुआत करने वाले डाक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेयी 1989 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े, और जीत दर्ज की। 1991 में दंगों की वजह से काउंटिंग नहीं हुई। 1993 में हार, 1996 में फिर जीत मिली। 2002 में जीते और 2007 में फिर हार गए। 2012 में जीत मिली और 2017 के चुनाव में वे रफीक अंसारी से हार 

सियासी सफर तय किया

वे मायावती सरकार में पशुधन मंत्री भी बनाये गए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, पूर्व गृहमंत्री अमित शाह, डाक्टर मुरली मनोहर जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी रहे हैं। जातीय समीकरण उलझने की वजह से शहर सीट पर उन्हें हार-जीत मिलती रही। सूर्यप्रताप शाही के प्रदेश अध्यक्ष रहते बाजपेई प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गए। अप्रैल 2012 से 2016 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 80 में 71 सीट जीत ली। बाजपेयी ने मोदी लहर के बीच प्रदेशभर में ताबड़तोड़ दौरा करते हुए पार्टी की जमीन मजबूत

पांच साल से हाशिये पर

उन्हें प्रदेश की राजनीति में सबसे पढ़े लिखे और अच्छे वक्ताओं में शुमार किया जाता है। लेकिन 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने का श्रेय बाजपेयी को नहीं मिला, और 2016 में पद से हटने के बाद पार्टी के नक्शे पर हाशिये पर धकेल दिए गए। इसके बाद कई बार उन्हें राज्यसभा, विधान परिषद भेजने की चर्चा उठी। राज्यपाल बनाये जाने की बातें भी उभरी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2022 विस चुनाव लडऩे से उन्होंने खुद मना किया। कभी अपने परिवार से किसी को राजनीति में उतारा भी नहीं। वर्तमान में वो प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के चैयरमैन हैं।

इनका कहना है

मैंने भाजपा में रहते हुए सम्मान और स्नेह सब पाया। पार्टी ने मुझे बुलाकर प्रदेश अध्यक्ष बनाया, और चार साल का लंबा अवसर दिया। मैं पार्टी के लिए 24 घंटे उपलब्ध हूं। सभी सातों प्रत्याशियों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं।

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