कानपुर का मौसम : जेट स्ट्रीम ने बढ़ाई सर्दी, गलन से ठिठुरने लगे लोग और कोहरे ने थाम दी रफ्तार

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

कानपुर के मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। रविवार सुबह कोहरा और धुंध छाई रही। वहीं सर्द हवाओं से गलन से लोगों के हाथ पैर सुन्न होने लगे। मौसम विभाग ने कड़ाके की सर्दी में पाला गिरने की आशंका जताई

कानपुर में सता रही कड़ाके की ठंड।

कानपुर,  वायुमंडल में तेजी से बह रही जेट स्ट्रीम (धारा) ने प्रदेश में फिर शीतलहर और सर्दी बढ़ा दी। शनिवार शाम से रविवार सुबह तक शीतलहर जारी है और लोग गलन से बेहाल हैं। वहीं आधी रात से छाई कोहरे की चादर भोर पहर तक छायी रही और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थमी रही। घना कोहरा व धुंध छाने से वाहन चालक परेशान रहे।

कानपुर समेत आसपास के जिलों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। शनिवार को कोल्ड-डे से लोग परेशान हो गए और अलाव भी बेअसर साबित हुए। न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री और अधिकतम 17.8 डिग्री रहा। मौसम वैज्ञानिकों ने तापमान में गिरावट होने और पाला गिरने की संभावना जताई है। यही नहीं, कोहरे और धुंध की चादर देर रात से सुबह तक छाई रहेगी।

सीएसए के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी हिमालय के आसपास के क्षेत्र पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ आया है। इसके कारण पहाड़ों पर बर्फबारी जारी है और उत्तर पश्चिमी बर्फीली हवा का मैदानी इलाकों में असर तेज हो रहा है। शुक्रवार देर रात हवा में नमी की मात्रा बढऩे से शीतलहर के साथ ही गलन तेज हो गई। पश्चिमी विक्षोभ आने से आसमान में ऊंचाई पर हल्के बादल भी छा गए हैं, जिसके कारण न्यूनतम तापमान थोड़ा बढ़ा है, लेकिन दिन के तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। डा. पांडेय ने बताया कि जेट स्ट्रीम का असर अभी दो से तीन दिन तक और रहेगा। शाम से लेकर सुबह तक घना कोहरा व धुंध छाई रहेगी।शीतलहर के साथ गलन और ठिठुरन बढ़ेगी।

क्या होती है जेट स्ट्रीम : जेट स्ट्रीम या जेट धारा वायुमंडल में तेजी से बहने व घूमने वाली हवा की धारा है। यह क्षोभमंडल की ऊपरी परत यानी समताप मंडल में तीव्र गति से चलने वाली वायु होती है। सर्दी के मौसम में जब यह हवा ज्यादा तेज होती है तो बारिश भी कराती है।

पाले से फसलों को बचाएं किसान : मौसम विज्ञानी ने बताया कि पाला पडऩे की आशंका है। इससे फसलों को बचाने के लिए किसानों को चना, सरसों, मटर के खेत के चारों ओर शाम के समय धुआं करने की जरूरत है। फसलों पर जल विलेय सल्फर 80 प्रतिशत की 500 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.