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Gang Misdeed Case सामूहिक दुष्कर्म का एटा के जैथरा थाना क्षेत्र का है मामला। गांव आकर मालिक के बेटे को घुमाने के बहाने कर लिया था अगवा। अपनी बेटी से शादी न कराने पर मालिक को दी थी बेटे की हत्या
सामूहिक दुष्कर्म मामले में मानवाधिकार आयोग ने सीबीसीआइडी आगरा को दिए विवेचना के आदेश।
आगरा। अपहरण के मामलाें में अब तक फिरौती के रूप में लाखों-करोड़ों रुपये मांगने के मामले में सामने आते रहे हैं। मगर, एक कार चालक ने मालिक के नौ साल के बेटे के अपहरण के बदले में कुछ अलग ही डिमांड रख दी। उसने फिरौती में मालिक की नाबालिग बेटी संग सात फेरे लेने की शर्त रख दी। मालिक को शादी न कराने पर मासूम की हत्या की धमकी दे दी। पिता को मजबूरी में आरोपित से नाबालिग बेटी की शादी करनी पड़ी। आरोप है कि शादी के बाद आरोपित व उसके साथी ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया। जिसके बाद उसे छोड़ दिया। पीड़ित पिता ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपित समेत चार लोगों को जेल भेज दिया। मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की गई थी। आयोग ने सीबीसीआइडी आगरा को विवेचना के आदेश किए हैं। सीबीसीआइडी ने विवेचना शुरू कर दी है
मामला एटा के जैथरा थाना क्षेत्र का है। मूलरूप से यहां का रहने वाला एक परिवार दिल्ली में रहता है। वहां पर व्यापार करता है। परिवार ने तीन साल पहले एक कार खरीदी थी। जिसे भाड़े पर चलाने के लिए उसने कासगंज के पटियाली थाना क्षेत्र के रहने वाले आमोद यादव को चालक रख लिया। परिवार जून 2019 में परिवार समेत गांव घूमने आया था। इस दौरान आमोद और उसके पिता ने कार मालिक को मिलने के लिए फोन करके जैथरा बुलाया। कार मालिक नौ साल के बेटे को साथ लेकर चालक व उसके पिता से मिलने गया था।
आरोप है कि चालक व उसके पिता ने बालक को घुमाने के बहाने साथ ले गए। जिसके बाद मालिक को इस बहाने से घर भेज दिया कि बेटे को पहुंचा आएंगे। अगले दिन आमोद के पिता ने उसके मालिक को फोन किया। उन्हें बताया कि बेटे का अपहरण कर लिया गया है। उसे लौटाने के बदले में मालिक के सामने फिरौती के रूप में शर्त रखी कि वह अपनी बेटी की शादी आमोद के साथ करे। शर्त मानने से इंकार करने पर बेटे की हत्या की धमकी दे दी।
बेटे की जान बचाने के लिए पिता एक जुलाई 2019 को अपनी नाबालिग बेटी को शादी के लिए आरोपित आमोद के पास लेकर गया। आरोप है कि आमोद ने तमंचे के बल पर नाबालिग के साथ जबरन शादी की। जिसके बाद आरोपित ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़ित दंपती की पिटाई करके वहां से भगा दिया। मामले में पीड़ित ने जैथरा थाने में आमोद व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आमोद समेत चार आरोपितों को जेल भेज दिया।
पीड़िता के पिता ने मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। जिसमें पुलिस पर भी मुकदमा दर्ज करने में देरी का आरोप लगाया था। मानवाधिकार आयोग ने सीबीसीआइडी आगरा को विवेचना करने के आदेश किए हैं। एसपी असीम चौधरी ने बताया कि विवेचना की जा रही है।