जरूरी नहीं, कोरोना ग्रस्त मां का शिशु हो संक्रमित, जाने विस्‍तार से

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RGAन्यूज़

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गर्भवती महिलाएं अनावश्यक अस्पताल में न आएं। कोशिश करें चिकित्सक से आनलाइन परामर्श लें। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले कम होती है।बच्चे की सेहत के लिए साफ-सफाई का खास

गर्भवती और कोविड पाजिटिव हैं या रह चुकी तो कोविड को लेकर कतई न घबराएं।

 अलीगढ़, । कोविड संक्रमण बहुत तेजी बढ़ रहा है। यदि आप गर्भवती और कोविड पाजिटिव हैं या रह चुकी तो कोविड को लेकर कतई न घबराएं। इस संक्रामक बीमारी से बचाव के लिए बस जागरूक, सचेत और सतर्क रहें। सदैव अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और उनके सुझावों का पालन करें। यह जरूरी नहीं कि कोविड पाजिटिव गर्भवती से पैदा शिशु को भी कोविड हो। खासकर, जब तक वह पेट में है। ज्यादा सुरक्षित है। हां, प्रसव के बाद प्रोटोकाल का पालन नहीं करने पर कोविड होने की पूरी आशंका

अनावश्‍यक अस्‍पताल न जाएं

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नीरज त्यागी ने बताया कि गर्भवती महिलाएं अनावश्यक अस्पताल में न आएं। कोशिश करें चिकित्सक से आनलाइन परामर्श लें। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले कम होती है। इसलिए अपने व बच्चे की सेहत के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान दें। कुछ भी छूने के बाद 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धोएं और मास्क लगाए रखें। यदि मां कोविड पाजिटिव है या रह चुकी है तब भी उसको स्तनपान कराना है। बस साफ-सफाई का ध्यान देते हुए मास्क लगाकर ही स्तनपान कराना है। यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के ऊपर किसी प्रकार की छींक या खांसी की ड्रापलेट न जाए।

बाहर से लौटे यात्री रहे क्वारंटाइन

सीएमओ ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण से ग्रसित जितने भी मरीज़ है उनके लिए स्वास्थ्य विभाग ने उन सभी मरीज़ो से अपील की है जो लोग कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं, उन सभी का होम आइसुलेशन में उपचार संभव है। कोई भी व्यक्ति बाहर से आता है तो उसे सात दिन तक क्वारंटाइन रहना होगा। तीसरी लहर को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार आरटीपीसीआर व एंटीजन जांच पर जोर देने को कहा है।

 

 करें

-नियमित कोविड प्रोटोकाल अपनाएं

- रोजाना धूप में बैठें

-बाहर से आए सामान को सैनिटाइज करें।

-अति आवश्यक स्थिति में ही घर से बाहर निकलें

क्या न करें

-अनावश्यक अस्पताल न जाएं

- आनलाइन परामर्श लेने की कोशिश करें

- संभव हो तो घर पर ही सैंपल दें

- नाकारात्मक चर्चा में शामिल न हों

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