बाबूजी ने रामभक्‍ति के लिए सत्‍ता प्रसाद को ठुकरा दिया था, उनका सम्‍मान हमारे लिए गौरव की बात

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RGAन्यूज़

कल्याण सिंह का जन्म अतरौली के गांव मढ़ौली में 5 जनवरी 1932 में हुआ था। यहीं से उन्होंने राजनीति का सफर शुरू किया था। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अतरौली से प्राप्त की। 12वीं तक की पढ़ाई केएमवी इंटर कालेज से की

अतरौली में एक दूसरे को मिठाई खिलाते ग्रामीण।

अलीगढ़, । गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया। इस पुरस्‍कारों में भाजपा के दिवंगत नेता कल्‍याण सिंह व देश के पहले सीडीएस रहे बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। केंद्र सरकार की ओर से 128 लोगों को सम्मानित किया गया। इनमें 4 को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 107 लोगों को पद्म श्री से सम्‍मानित किया 

कल्‍याण सिंह का जन्‍म अलीगढ में हुआ था

कल्याण सिंह का जन्म अतरौली के गांव मढ़ौली में 5 जनवरी 1932 में हुआ था। यहीं से उन्होंने राजनीति का सफर शुरू किया था। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अतरौली से प्राप्त की। 12वीं तक की पढ़ाई केएमवी इंटर कालेज से की। अलीगढ़ के धर्मसमाज डिग्री कालेज से एमए व एलटी की पढ़ाई की। बतौर शिक्षक पहली नौकरी आर्यन कल्चर अकादमी हायर सेकेंडरी स्कूल रायपुर मुजफ्फता में लगी। यहां कुछ वर्ष पढ़ाया। इसके बाद अतरौली स्थित नगर पालिका इंटर कालेज में आ गए। इसी दौरान इनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव हो गया। उन्होंने अतरौली क्षेत्र के गांवों में संघ को बढ़ाने का काम किया। 30 वर्ष की आयु में 1962 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा। उस समय उनकी उम्र 30 वर्ष थी। युवा जोश और उत्साह से वो लबरेज थे। पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 1967 में कल्याण सिंह ने फिर अतरौली विधानसभा क्षेत्र से ताल ठोंकी। इस बार उन्होंने जीत दर्ज की। फिर, राजनीति में उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अतरौली विधानसभा क्षेत्र से 10 बार विधायक चुने 

बाबूजी को सम्‍मान मिलना हमारा सौभाग्‍य

अलीगढ़ ताला नगरी और एएमयू के अलावा स्व. कल्याण सिंह बाबूजी के नाम से भी जाना जाता है। बाबूजी को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

- अभिनव माहेश्वरी, महावीर पार्क वृंदावन धाम

बाबूजी को पद्म विभूषण सम्मान की घोषणा से मन रोमांचित हो गया। ये किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि रामभक्त व राष्ट्रवाद का सम्मान है। बाबूजी ऐसे राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने रामभक्ति के लिए सत्ता प्रसाद को ठुकरा दिया था।

. चंद्रशेखर शर्मा, साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता

कल्याण सिंह प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति के केंद्र बिंदु थे। उन्होंने हमेशा मजबूत राष्ट्र को प्राथमिकता दी। यूपी में सुशाषन का संदेश दिया। अब केंद्र सरकार ने बाबू जी को पद्दम विभूषण देने का एलान कर अलीगढ़ को बड़ी सौगात दी है।

-विजय सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष

बाबूजी की वजह से हमारे क्षेत्र का नाम देश से लेकर विदेश तक छाया। अब उन्हें यह सम्मान मिलने से क्षेत्र का नाम और भी रोशन हो गया। बाबू जी ने हमेशा सर्व समाज के लिए काम किया।धर्मवती देवी सभासद मढ़ौली।बाबू जी कल्याण सिंह ने अयोध्या में राममंदिर बनवाने के लिए जो संघर्ष किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इस सम्मान के वो हकदार थे। सरकार के फैसले से बहुत खुशी मिली है।

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