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RGAन्यूज़
संदीप गुप्ता की हत्या के बाद सभी आरोपित नोएडा में मिले थे। शुरुआत में अंकुश साहिल व उत्कर्ष साथ में थे। भागने में उत्कर्ष की स्कार्पियो कार का इस्तेमाल किया था। ये लोग कार से दिल्ली से सोनीपत अंबाला सोलन ऋषिकेष देहरादून किच्चा (ऊधम सिंह नगर) प
एटा के कारोबारी संदीप गुप्ता का फाइल फोटो।
अलीगढ़, । एटा के कारोबारी संदीप गुप्ता की हत्या के बाद आरोपितों ने पुलिस से बचने के हर प्रयास किए। मुख्य आरोपित अंकुश व साहिल ने कई शहर, राज्य बदले। दाढ़ी व बाल कटवाकर हुलिया भी बदल लिया था। नेपाल तक जाने की योजना बनाई। लेकिन, उत्कर्ष राजी न हुआ और सभी को लखनऊ को ले आया। यहां से उत्कर्ष अलग हो गया था और इसके बाद उसकी गिरफ्तारी ने तो इन दोनों की टेंशन ही बढ़ा दी। काल डिटेल पर पुलिस की नजर थी, इसलिए आपस में संपर्क के लिए वाट्सएप समेत कई आनलाइन एप्स का उपयोग किया। करीब एक महीने तक कोई रास्ता न बचा तक आत्मसमर्पण का निर्णय लिया और अलीगढ़ लौट आए। यहां पुलिस के घेरे में दबोचने में देरी नहीं की। इन दोनों सहित अब तक कुल दस आरोपित पकड़े जा चुके हैं
हत्याकांड में तीन शूटर शामिल बताए गए
अब पुलिस शूटरों की तलाश में है। कुल तीन शूटर बताए गए हैं। मुख्य शूटर प्रवीण टप्पल का है। 27 दिसंबर को अलीगढ़ के रामघाट रोड पर गांधी आइ अस्पताल के सामने प्रवीण ने अलीगढ़ एटा के संदीप की गोलीमारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद वाट्सएप काल पर अंकुश को बताया थि कि काम हो गया गया है। इसके बाद अंकुश कार से उत्कर्ष और साहिल को लेकर अपने घर गया। पिता राजीव अग्रवाल को जानकारी देकर सभी लोग यहां से दुष्यंत के हरदुआगंज स्थित गैराज पर चले गए। इसी बीच प्रवीण का साहिल के पास फोन आया कि वह हरदुआगंज में फंस गए हैं। पुलिस चेकिंग कर रही है। इसलिए जंगल में नंबर प्लेट बदलकर बलेनो कार वहीं छोड़ दी है। गैराज से अंकुश और साहिल फार्च्यूनर कार लेकर शूटर के पास गए। वहां से प्रवीण व उसके साथियों को लेकर पनैठी होते हुए मथुरा चले गए। फिर शूटरों को छोड़कर दिल्ली चले गए। दिल्ली में उत्कर्ष अपनी स्कार्पियो कार से मिला। इसके बाद ये लोग अलग-अलग जगहों पर भागते रहे। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान के शहरों में छिपे रहे। अंकुश रोज अलीगढ़ की खबरें पढ़ता था, जहां से उसे पुलिस की दबिश की जानकारी मिल जाती थी। इसके बाद शहर बदल देता
इसलिए देश छोड़ना नहीं चाहता था उत्कर्ष
हत्या के बाद सभी आरोपित नोएडा में मिले थे। शुरुआत में अंकुश, साहिल व उत्कर्ष साथ में थे। भागने में उत्कर्ष की स्कार्पियो कार का इस्तेमाल किया था। ये लोग कार से दिल्ली से सोनीपत, अंबाला, सोलन, ऋषिकेष, देहरादून, किच्चा (ऊधम सिंह नगर) पहुंचे। नेपाल भागने की फिराक में भी थे। लेकिन, तब तक उत्कर्ष के स्वजन को पुलिस ने उठा लिया था। ऐसे में उत्कर्ष देश नहीं छोड़ना चाहता था। इसीलिए वह सभी को लखनऊ ले आया। लखनऊ में उत्कर्ष अलग हो गया था। पिछले सप्ताह कार को दिल्ली में खड़ा कर वह अलीगढ़ आ गया था। यहां गिरफ्तार हो गया था। उधर, लखनऊ से साहिल व अंकुश बस से हमीरपुर पहुंचे। बस से ही जयपुर, इंदौर के बाद वापस दिल्ली आए। यहां से उत्कर्ष की गाड़ी लेकर समर्पण करने अलीगढ़ आ गए। तभी पुलिस ने दबोच लिया
अंकुश बोला- भरोसा नहीं था, पकड़ा जाऊंगा
पुलिस के मुताबिक, अंकुश ने हत्या की योजना बहुत शातिराना तरीके से की थी। पूछताछ में बोला कि भरोसा नहीं था कि कभी पकड़ जाऊंगा। लेकिन, जब दो दिन बाद ही उसे जानकारी मिली कि पिता की गिरफ्तारी के साथ उसका नाम भी सामने आ गया है तो वह लगातार भागता रहा। आरोपितों ने भागने के दौरान धर्मशाला, ढाबों व होटलों पर लगे वाइ-फाइ का भी प्रयोग किया। वहीं स्नैपचैट जैसे आनलाइन प्लेटफार्म पर बात कीं। यहां तक कि पबजी गेम पर चैटिंग की। इतनी आधुनिक तकनीक को ट्रेस कर पाना पुलिस के लिए भी परेशानी ब
चार कार व एक बाइक का हुआ इस्तेमाल
घटना में अंकुश की क्रेटा कार, उत्कर्ष की स्कार्पियो, दुष्यंत के चाचा की फार्च्यूनर, बलेनो कार व एक टीवीएस बाइक का इस्तेमाल हुआ था। पुलिस ने बलेनो, क्रेटा, फार्च्यूनर व बाइक को बरामद कर लिया था। उत्कर्ष की कार को महरावल स्थित केतन स्कूल के पास से बरामद किया गया है।
तीन सौ सीसीटीवी, कैप वाला था
पुलिस की पांच टीमें लगातार गैर राज्यों में डटी रहीं। करीब तीन सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए थे। छह सौ अधिक सीडीआर भी निकलवाई गईं। शूटरों के स्कैच भी जारी कर दिए थे। आरोपितों की तस्वीरें भी सभी जिलों की पुलिस व टोल-नाकों पर दे दी गई थीं। पुलिस के मुताेबिक, नीले रंग की बलेनो कार में कुल तीन लोग सवार थे। इसमें प्रवीण समेत दो शूटर व तीसरा चालक था। समद रोड कट पर लगे कैमरे में जो दो लोग कैद हुए थे, उनमें कैप पहने और मोबाइल फोन पर बात करने वाला शूटर प्रवीण ही था। हालांकि पुलिस को दूसरे शूटर का नाम भी मिल गया है। लेकिन, पुष्टि न होने के कारण उसे गोपनीय रखा है। प्रवीण के खिलाफ हत्या, गैंगस्टर समेत गंभीर धाराओं में हाथरस, दिल्ली, हरियाणा में कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं।
मुकदमे के बाद बहन और जीजा भी थे नाराज
सीओ सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय के मुताबिक, अंकुश ने पूछताछ में बताया कि संदीप और उसके पिता राजीव की अच्छी दोस्ती थी। संदीप ने पिता की ट्रांसपोर्ट की 12 गाड़ियां अपने साथ लगा रखी थीं। 17 फरवरी 2016 को संदीप के कहने पर उनके दोस्त एटा के अलीगंज निवासी सुधीर गुप्ता की बेटी दीप्ति अग्रवाल की शादी अंकुश से हुई थी। लेकिन, अंकुश की किसी अन्य महिला से संबंध के शक पर पत्नी से विवाद रहता था। दोनों में कई बार झगड़ा हुआ। इसमें संदीप ने फैसला कराया। लेकिन, अंकुश के भाई के सगाई के दिन दोनों में बड़ा विवाद हुआ। इसके बाद संदीप ने दोनों पक्षों को बिठाकर फिर समझौता कराया। संदीप के दबाव के चलते अंकुश घर छोड़कर दोस्त दुष्यंत के साथ रहने लगा। 16 सितंबर 2021 को अंकुश की पत्नी व बेटी को लेकर संदीप और पत्नी के परिवार वाले अलीगंज चले गए। 21 सितंबर को अलीगंज थाने में दहेज उत्पीड़न समेत गंभीर आरोपों में मुकदमा लिखवा दिया। इसमें अंकुश की दीदी और जीजा पर गलत आरोप लगाए गए। इसे लेकर अंकुश के परिवार में तनाव था। बहन और जीजा भी नाराज थे। इसी कारण राजीव ने संदीप के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा। 90 लाख रुपए में समझौता हुआ। 45 लाख रुपए चले गए थे। शेष रुपए को पत्नी पक्ष के लोग मांग रहे थे। इसी बीच अंकुश की मुलाकात दुष्यंत के माध्यम से साहिल और उत्कर्ष से हुई। सभी अच्छे दोस्त बन गए थे। बेटी के भी चले जाने से काफी तनाव में रहता था।L
इनका कहना है
एटा के कारोबारी संदीप गुप्ता की हत्या में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की गई थीं। टीमों ने दिन-रात मेहनत करके घटना का सफल अनावरण किया है। सभी आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। शेष विवेचनात्मक कार्रवाई करने के लिए भी टीम को निर्देश दिए गए हैं। शूटरों की भी तस्दीक की जा रही है।