ईश्‍वर पर बरेली के एक वरिष्‍ठ सर्जन का अटूट विश्‍वास, नवजातों को सुनाते हैं राम नाम का बीज मंत्र

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

बरेली के एक वरिष्ठ सर्जन अपने अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात के कानों में सबसे पहले राम राम बीज मंत्र सुनाते हैं। वह बच्चे को गोद में लेकर बताते हैं कि दुनिया में आ गए हो तो राम नाम ना

नाथ नगरी में नवजातों को अविनाशी राम नाम का वाचन सुना रहे डा. बृजेश

बरेली  : राम से बड़ा है राम का नाम... राम नाम अविनाशी है। सूर्य, चंद्र, अग्नि और वायु की सारी शक्तियां राम नाम की हैं। ऐसा पावन है राम का नाम कि यह आपके सारे संकट काट देता है। इसी सोच के साथ बरेली के एक वरिष्ठ सर्जन अपने अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात के कानों में सबसे पहले राम राम बीज मंत्र सुनाते हैं। वह बच्चे को गोद में लेकर बताते हैं कि दुनिया में आ गए हो तो राम नाम ना भूलना, प्रभु का स्मरण करना, वह आपके सारे कष्ट दूर करेंगे, क्योंकि जीवन का असल सुख और शांति आध्यात्म में ही

सपीलीभीत बाईपास पर स्थित संभव अस्पताल के आपरेशन थियेटर में प्रवेश करते ही आपको सबसे पहले हनुमान जी की तस्वीर नजर आएगी, जिस पर लिखा है, संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलवीरा। आपरेशन के दौरान जिंदगी और मौत से जूझ रहे बीमार को यह चौपाई उसकी मन शक्ति को मजबूत करती है। राम नाम का सुमिरन करने वाले डा. बृजेश मूल रूप से भोजीपुरा क्षेत्र के गांव मकरंदापुर के निवासी हैं। उनके पिता गोपाल सिंह यादव संगीतमय तरीके से रामचरितमानस का पाठ करते हैं, जिसे सुनकर लोग मुदित हो जाते हैं। 47 वसंत देख चुके डा. बृजेश के परिवार में माता-पिता, दो बच्चे और एक बहन हैं। बच्चे कान्वेंट में पढ़ते हैं, लेकिन सनातन संस्कृति से ओतप्रोत रहते हैं। बहन और पत्नी दोनों एनेस्थेटिक हैं। डा. बृजेश कहते हैं कि उनके जीवन का एक उद्देश्य बचा है, केवल लोगों को राम से जोड़ना और चिकित्सा सेवा के साथ इसी में लीन रहते हैं। उनका कहना है कि वह 1995 से नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते

सुंदरकांड के वाचन से कांड हो जाएंगे सुंदर: डा. बृजेश कहते हैं कि वर्ष 1995 में आगरा से एमबीबीएस करने के दौरान वह जा रहे थे तो एक पांडाल में आचार्य विजय कौशल कथा सुना रहे थे। आचार्य विजय कौशल ने कथा में सुनाया था कि जो लोग सुंदरकांड का पाठ रोज करते हैं, उनके कांड सुंदर हो जाते हैं। प्रभु उससे गलत नहीं होने देते हैं। उन्होंने बताया कि घर में सूतक लगने के दौरान भी उन्होंने प्रभु राम का मानसिक वाचन बंद नहीं कििया

एक हजार रामचरितमानस कर चुके हैं भेंट: डा. बृजेश का मानना है कि राम की कृपा से ही उनके सारे काम होते हैं। यही वजह है कि उनके अस्पताल से लेकर होर्डिंग, फ्लैक्सी, बोर्ड, कैलेंडर आदि सभी जगह राम नाम और श्रीराम एवं उनके भक्त हनुमान की छवि अंकित रहती है। वह अब तक करीब एक हजार लोगों को रामचरितमानस भेंट कर चुके हैं। उनके के केबिन में हमेशा रामचरित मानस और हनुमानजी की तस्वीर लगी रहती है। इसके साथ ही वह कापियों पर राम-नाम लिखने के लिए देते हैं, जो भर जाने पर राम नाम बैंक में जमा हो जाती हैं

सनातन ही सत्य है... डाक्टर को होना चाहिए सबसे धार्मिक: डा. बृजेश का मानना है कि सनातन ही सत्य है। मूल है। बोले, चिकित्सक को सबसे धार्मिक होना चाहिए, क्योंकि मानव शरीर प्रभु की रचना का उत्कृष्ट नमूना है। डाक्टर आपरेशन करने के दौरान देखते होंगे कि शरीर के अंदर मौजूद किडनी, लिवर, आंते कितने करीने से सेट किए गए हैं। ऐसे में डाक्टर को प्रभु का स्मरण करने के साथ धार्मिक भी होना चाहिए

रामचरितमानस से जोड़ रहे बच्चे और किशोर: डा. बृजेश और उनकी टीम मिलकर रामचरितमानस पर आधारित प्रतियोगिताएं कराकर बच्चों और किशोरों को उससे जोड़ने का काम करते हैं। वह सबसे पहले बच्चों को रामचरितमानस में दी गईं प्रमुख बातों के बारे में बताते हैं। इसके बाद उन्हीं पर आधारित प्रश्न प्रतियोगिताओं में पूछ जाते हैं। इससे कान्वेंट में पढ़ने वाले बच्चे भी धर्म और संस्कृति को समझ पाते हैं।

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.