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प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी होगी कि क्षेत्र की चिकित्सकीय टीम से संपर्क कर विद्यार्थी को प्रारंभिक उपचार दिलाया जाए। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालय खुलने पर गाइडलाइंस के पालन के साथृ सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए जा
डीआइओएस ने कहा कि सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
अलीगढ़,। कोरोना संक्रमण के दौर से राहत मिलने के बाद जब विद्यालय खुलेंगे तो शिक्षकों व शिक्षाधिकारियों के कंधों पर नई जिम्मेदारी होगी। सभी बोर्ड के स्कूल-कालेजों के लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित विद्यार्थी को शिक्षक घर तक पहुंचाएंगे। अगर कोई शिक्षक या कर्मचारी पीड़ित होता है तो शिक्षाधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वो उनको घर तक पहुंचाएं।
फिलहाल कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल-कालेजों को 30 जनवरी तक बंद रखने के निर्देश हैं। विद्यालय खुलने के बाद ये निर्देश हर शैक्षणिक संस्थान पर लागू होंगे। विद्यालय खुलने पर शासन से जारी नई गाइडलाइंस के पालन के साथ ही पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी विद्यार्थी में वायरल इंफेक्शन या अन्य किसी संक्रमण की पुष्टि होती है तो तत्काल उसको चिकित्सकीय लाभ दिलाते हुए घर तक भेजा जाएगा। इस दौरान अभिभावकों को भी सूचित किया जाएगा। प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी होगी कि क्षेत्र की चिकित्सकीय टीम से संपर्क कर विद्यार्थी को प्रारंभिक उपचार दिलाया जाए। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालय खुलने पर गाइडलाइंस के पालन के साथ शिक्षण कार्य कराने के संबंध में सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए जा
चुनाव ड्यूटी से इंकार पर वेतन रोकने की कार्रवाई
अलीगढ़। विधानसभा चुनाव में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों व शिक्षामित्रों की ड्यूटी भी लगाई गई है। मगर ड्यूटी लेने से इंकार करना दो शिक्षिकाओं व एक शिक्षामित्र को महंगा पड़ा गया है। बीएसए स्तर से उनका वेतन व मानदेय रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द ड्यूटी ज्वाइन नहीं की तो एफआइआर भी कराई जा सकती है। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय मंजूरगढ़ी की सहायक अध्यापिका नगीना अंजुम, प्राथमिक विद्यालय नगौला की सहायक अध्यापिका गरिमा वाष्र्णेय और प्राथमिक विद्यालय नगौला की शिक्षामित्र अनुपम चौहान को ड्यूटी पत्र लेने से इंकार करने का दोषी पाते हुए कार्रवाई की गई है। जब तक ये ड्यूटी पत्र प्राप्त नहीं करते तब तक सहायक अध्यापिकाओं का वेतन और शिक्षामित्र का मानदेय रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। अगर अभी भी ड्यूटी पत्र प्राप्त नहीं किया ताे भविष्य में एफआइआर व अन्य कठोर कार्रवाई भी की जा सकती हैं। इसके जिम्मेदार शिक्षक खुद होंगे।