वसंत पंचमी पर ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत संयोग, गंगा, यमुना के संगम में लग रही डुबकी

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RGA न्यूज़

 पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार वसंत पंचमी की तिथि सबसे पवित्र होती है। उक्त तिथि पर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। गृह प्रवेश नीव पूजन नामकरण मुंडन शादी-विवाह नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं। माघ मेला क्षेत्र में गंगा, यमुना के संगम में स्‍नान करने श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है।

प्रयागराज, वसंत पंचमी स्‍नान 2022 आज है। प्रयागराज माघ मेला का यह चौथा प्रमुख स्‍नान पर्व है। वसंत पंचमी का स्नान पर्व आरंभ हो गया है। वैसे तो भोर से श्रद्धालु स्नान करने के लिए संगम व गंगा घाटों पर पहुँचने लगे हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम रही। भद्रा लगने व पंचमी तिथि न होने के कारण भीड़ सुबह कम रही। सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त लगने से स्नान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी है।

सुबह 6:43 बजे से शुरू स्नान का मुहूर्त रविवार की सुबह तक है

वसंत पंचमी पर ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग बना है। पंचमी तिथि शनिवार की सुबह 6:43 बजे लगकर रविवार की सुबह 6.43 बजे तक रहेगी। शनिवार की सुबह 6:43 बजे भद्रा खत्म हुई। इसके बाद स्नान-दान का सिलसिला तेज हुआ। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र, सिद्धि योग के अलावा मकर राशि में सूर्य, बुध व शनि का संचरण होने से स्नान, दान व पूजन का महत्व बढ़ गया है। यही कारण है कि देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में डुबकी लगाने आए हैं।

शुभ कार्य के लिए उत्तम तिथि

पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार वसंत पंचमी की तिथि सबसे पवित्र होती है। उक्त तिथि पर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। गृह प्रवेश, नीव पूजन, नामकरण, मुंडन, शादी-विवाह, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ सहित हर शुभ कार्य किए जा सकते हैं। उक्त तिथि पर घरों में देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करनी चाहिए। पीले वस्त्र धारण करके मां सरस्वती को हल्दी का तिलक लगाकर पीले पुष्प अर्पित करके कथा का पाठ करना चाहिए।

मां सरस्‍वती का प्राकट्य उत्‍सव आज

ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य उत्सव वसंत पंचमी तिथि पर शनिवार को मनाया जाएगा। वासंतिक हिलोर में गंगा, यमुना व अदृश्‍य सरस्वती की मिलन स्थल पावन संगम के जल में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में है। चार पहिया वाहनों, बस व ट्रेन से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुक्रवार की देर रात से बढ़ गया है। संतों व कल्पवासियों के शिविर में आसरा लिया है। कुछ श्रद्धालु मौनी अमावस्या से मेला क्षेत्र में रुके हैं। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिसकर्मी लगे हैं।

श्रद्धा के भाव में कोरोना की बंदिशें भी टूटीं, थर्मल स्‍कैनिंग के नाम पर खानापूर्ति

वसंत पंचमी स्‍नान पर्व के अवसर पर माघ मेला में आए श्रद्धालुओं में भोर से ही आस्था हिलोरें मारती रही। हालांकि इस श्रद्धा के भाव में कोरोना की बंदिशें हर कदम पर टूटीं। मेला क्षेत्र में प्रवेश करते लोगों की थर्मल स्‍कैनिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई। शहर के हर्षवर्धन चौराहे से लेकर परेड तक और त्रिवेणी बांध से लेकर संगम मार्ग तक स्वास्थ्य टीम की सक्रियता लोगों की बढ़ती भीड़ के आगे बेबस रही। थर्मल सकैनिंग 10 की हो पाती और करीब 100 लोग एक ही झटके में बिना जांच ही आगे बढ़ते रहे। स्नान पर्व पर आए श्रद्धालु भी गंगा मैया पर सब छोड़ पूरी बेफिक्री से आगे बढ़ते रहे। उधर त्रिवेणी अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा। डाक्टर आग तापते मरीजों का इंतजार करते रहे।

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