सात साल बाद आया फैसला, मथुरा जेल गैंगवार के 14 आरोपित हुए दोष मुक्त

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RGAन्यूज़

17 जनवरी 2015 को मथुरा जिला जेल में दीपक मीणा और राजेश टोंटा गैंग में फायरिग हुई थी। फायरिग में राजेश टोंटा संजू और राजकुमार शर्मा घायल हुए थे जबकि गोली लगने से अक्षय सोलंकी की मौत 

17 जनवरी, 2015 को मथुरा जिला जेल में गैंगवार हुइ 

आगरा,। अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) अनिल कुमार पांडेय की अदालत ने सोमवार को  जिला जेल में सात वर्ष पहले ब्रजेश मावी और राजेश टोंटा गैंग में हुई फायरिंग के मामले में फैसला सुनाया। 14 आरोपितों को दोष मुक्त कर दिया।

इस गैंगवार में आगरा का कुख्यात अक्षय सोलंकी मारा गया था। जबकि राजेश टोंटा समेत तीन लोग घायल हुए थे। उसी रात उपचार के लिए पुलिस अभिरक्षा में आगरा ले जाते समय राजेश टोंटा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पश्चिमी उप्र के कुख्यात रहे मेरठ के ब्रजेश मावी की 10 सितंबर, 2014 की हाथरस के राजेश टोंटा ने अपने निर्माणाधीन मकान में गोली मारकर हत्या कर दी थी। ब्रजेश मावी जमीन का सौदा करने के लिए अपने दोस्त मथुरा के कृष्णा नगर निवासी प्रमोद चौधरी और कंपूघाट निवासी गोपाल यादव को लेकर हाथरस गया था। प्रमोद चौधरी और गोपाल यादव को बंधक बना लिया। दोनों को तीन दिन बाद बलदेव-सादाबाद मार्ग पर गांव ढकू के समीप छोड़ दिया था। शहर कोतवाली में इसका मुकदमा दर्ज

मावी की हत्या के मामले में हाथरस निवासी राजेश टोंटा, लारेंस, राजकुमार शर्मा, राजू, गुट्टन, ओमप्रकाश, नईम, संजू, गोपाल शर्मा जेल में थे। उसी दौरान आगरा का कुख्यात अक्षय सोलंकी के अलावा बिरला मंदिर निवासी दीपक वर्मा, अलीगढ़ का दीपक मीणा व विमल भी जेल में थे। 17 जनवरी, 2015 को जेल में दीपक मीणा और राजेश टोंटा गैंग में फायरिग हो गई। फायरिग में राजेश टोंटा, संजू और राजकुमार शर्मा घायल हुए थे, जबकि गोली लगने से अक्षय सोलंकी की मौत हो गई। इसी मुकदमा में आज फैसला आया। सोमवार  को मुकदमे (जेल में गैंगवार) में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अनिल कुमार पांडेय की अदालत में हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सूर्यवीर सिंह ने बताया कि अदालत में 14 आरोपित हाजिर हुए। सभी को दोष मुक्त कर दिया गया है।  उन्होंने बताया कि इसमें जेल के आठ और अन्य 14 गवाह थे। मौके के गवाह पक्षद्रो हो गए थे। बिजनौर में बंद लार दीपक मीणा और आगरा जेल  में बंद लारेंस आए। राजेश टोंटा हत्याकांड की सुनवाई अलग चल रही है।

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