सिर पर मौत का खतरा तो घर में खाने का राशन नहीं, बंकर में गुजर रही अलीगढ़ के छात्रों की जिंदगी

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RGAन्यूज़

Russia Ukraine Latest News रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। यूक्रेन में अलीगढ़ के करीब 40 छात्र फंसे हुए हैं। वे हर पल मौत के साये में जी रहे हैं। यहां उनके अभिभावक चिंता में जी रहे हैं। दिनभर वीडियो कालिंग पर बात हो रही है 

यूक्रेन में फंसे अलीगढ़ के छात्र अपने अभिभावकों से वीडियो काल पर बयां कर रहे दर्द।

अलीगढ़ । पापा, मैं ठीक हूं। पर, हमले के बाद से यहां दुकानें बंद हैं। राशन एक दिन का बचा है। आगे समस्या हो सकती है। उर्वसी की इस चिंता ने उनके पिता प्रतिभा कालोनी के भानु प्रताप सिंह के होश उड़ा रखे हैं। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गई अपनी बेटी की सलामत वापसी की दुआ परिवार में तीन दिन से की जा रही है। घरों में पूजा, अनुष्ठान चल रहे हैं।

जिले के 40 परिवारों की नींद उड़ी

यह हाल जिले के 40 परिवारों का है। यूक्रेन में फंसे इनके बच्चे कब और कैसे आएंगे? यह तो इन्हें नहीं पता, लेकिन सरकार कुछ अच्छा करेगी यह उम्मीद बनी हुई है। यूक्रेन में बिगड़ेे हालात इनकी बेचैनी बढ़ाते जा रहे हैं। बच्चों से बातचीत में वहां की दशहत और जिंदगी जीने की चुनौती अकल्पनीय है। फिलहाल राहत किसी को नजर नहीं आ रही। सुशीला सिंह राजपूत ने अपनी बेटी उर्वशी से वीडियो कालिंग पर बात की। उन्होंने बताया कि बेटी हमले के खौफ के बीच अपने फ्लैट में आनलाइन पढ़ाई तो कर रही है लेकिन खाने-पीने की चीजें पांच गुना ज्यादा रेट पर थीं। अभी एक से डेढ़ दिन का राशन ही बचा हुआ है। वह उर्वशी इवानो स्थित यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही हैं। कावेरी वाटिका निवासी मोर मुकुट यादव ने बताया कि उनका बेटा सुमित यादव इवानो में ही रहकर पढ़ाई कर रहा है। दोपहर में बात हुई तो बताया कि मार्केट बंद है, कहीं आने-जाने की संभावना नहीं है। हमले का खौफ है, आनलाइन पढ़ाई चल रही है लेकिन खाने की समस्या खड़ी हो रही है। हमले से पहले ही खाद्य वस्तुएं पांच गुना ज्यादा रेट में मिल रही थीं। अब एक दिन का राशन बचा है। फिर खाने को कुछ नहीं है। स्वर्ण जयंती निवासी अमोद उपाध्याय का बेटा सार्थक यूक्रेन की राजधानी कीवी में फंसा हुआ है। डा. विश्वमित्र आर्य का बेटा ऋत्विक वाष्र्णेय ने की रात बंकर में कटी। सुबह खाने की पूरी व्यवस्था भी नहीं कर पाए कि सायरन बज गया। छात्रों के सामने खाने-पीने का भी संकट पैदा हो गया है। एटीएम में पैसे भी खत्म होने लगे हैं।

अभिभावक एसोसिएशन आया छात्रों के साथ

यूक्रेन में फंसे जिले के विद्यार्थियों की वतन वापसी के संबंध में अलीगढ़ अभिभावक एसोसिएशन ने शुक्रवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया। पदाधिकारियों ने प्रशासन व सरकार से मांग की कि विद्यार्थियों को एअर लिफ्ट कराकर वतन वापसी कराई जाए। एसोसिएशन प्रभारी अनुराग गुप्ता ने बताया कि मांग के संबंध में पीएमओ कार्यालय को पत्र भी भेजा जा रहा है। प्रार्थना सभा में अनिल वर्मा, उमेश श्रीवास्तव, सुधीर वाष्र्णेय, डा. नवनीत वाष्र्णेय, विवेक गुप्ता, दीपक वाष्र्णेय, सौरभ गुप्ता व प्रभात रजनीश आदि मौजूद रहे

इसलिए मेडिकल छात्र जाते हैं यूक्रेन

2021 में आयोजित नीट में करीब आठ लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए थे। भारत में एमबीबीएस की करीब 88 हजार सीटें हैं। ऐसे में करीब सात लाख से ज्यादा विद्यार्थियों का डाक्टर बनने का सपना केवल सपना ही रह जाता है। भारत में एमबीबीएस की पढ़ाई भी महंगी है। यहां निजी मेडिकल कालेज में पढऩे पर करीब एक करोड़ रुपये तक खर्च आता है। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई की सुविधाएं भी यहां से बेहतर हैं। यहां कुल खर्च लगभग 25 लाख रुपये तक आता है। छात्रा उर्वशी के पिता भानुप्रताप ने बताया कि बेटी की नीट में रैंक कुछ कम आई थी, भारत में उसको निजी कालेज में पढ़ाई कराना मुमकिन नहीं था। भारत में एक करोड़ से ज्यादा का खर्च आ रहा था, जो यूक्रेन में पढ़ाई व रहने के खर्च के साथ करीब 14 से 15 लाख रुपये तक राशि लग रही है। यूक्रेन से पढ़ाई करके लौटने के बाद भारत में फारेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (एफएमजीई) पास करना होता है, जो प्रैक्टिस शुरू करने के लिए अनिवार्य है तो रोजगार की पुख्ता गारंटी भी हो जाती है।

प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

यूक्रेन में फंसे जिले के छात्रों व नागरिकों की मदद के लिए स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है। छात्रों की हरसंभव मदद के लिए जिला प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर मो. जफर को नोडल अधिकारी बनाया है। इनका मोबाइल व वाट्सएप नंबर 9899372535 जारी किया गया है। इसके साथ ही चौबीस घंटे के लिए कंट्रोल रूम संचालित कर दिया गया है। इनके नंबर 05712420100, ,7906856081, 9837606908, 9315097762 हैं। ईमेल आइडी ddmaaligarh@ gmail.com है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्यान जयसवाल ने बताया कि किसी का बच्चा या परिवार को कोई सदस्य यूक्रेन में फंसा हुआ है तो वह लिखित में सूचित करें और दिए गए नंबरों पर भी बताए। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिलाते हुए कहा है कि जिला प्रशासन इस कठिनाई के दौर में उनके साथ खड़ा है।

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