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एमपी एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद की जमानत खारिज कर दी। बचाव पक्ष ने कहा कि अतीक अहमद पांच बार विधायक व सांसद रह चुका है। नामजद आरोपित नहीं है। अग्रिम विवेचना के दौरान नाम प्रकाश में आया है। रंजिशन आरोपित किया गया है दीवानी के मुकदमे भी
लंबा आपराधिक इतिहास होने के कारण पूर्व सांसद अतीक अहमद को एमपी एमएलए कोर्ट से राहत नहीं मिली।
प्रयागराज,। गुजरात जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद की जमानत अर्जी दोहरे हत्याकांड समेत तीन मुकदमों में खारिज कर दी गई। लंबा आपराधिक इतिहास होने के कारण अतीक की जमानत अर्जी विशेष न्यायालय ने नामंजूर की। टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा कि 47 आपराधिक मुकदमों का इतिहास है। इन मामलों में परीक्षण चल रहा है। कुछ में आरोप तय किया जा चुका है। गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी स्वीकार किए जाने का पर्याप्त आधा
एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने या आदेश
एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डा. दिनेश चंद्र शुक्ला ने आरोपित अतीक अहमद के अधिवक्ताओं एवं विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार सिंह व एडीजीसी सुशील कुमार वैश्य के तर्कों को सुनकर आदेश दिया।
बचाव पक्ष ने दी यह दलील
बचाव पक्ष ने कहा कि अतीक अहमद पांच बार विधायक व सांसद रह चुका है। नामजद आरोपित नहीं है। अग्रिम विवेचना के दौरान नाम प्रकाश में आया है। रंजिशन आरोपित किया गया है और दीवानी के मुकदमे भी विचाराधीन
प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अतीक अहमद पर 2016 में रिपोर्ट दर्ज थी
अतीक अहमद के विरुद्ध धूमनगंज थाने में सूरजकली ने 11 जुलाई 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मकान के विवाद को लेकर मुकदमे की पैरवी करने पर उसके बेटे जितेंद्र की हत्या की गई थी। धूमनगंज में ही 25 सितंबर 2015 को चचेरी बहन अल्कमा व ड्राइवर सुरजीत की हत्या के आरोप में प्रधान आबिद ने एफआइआर दर्ज कराई थी। इसी तरह जयश्री ने 23 मार्च 2016 को धूमनगंज थाने में बेटे नरेंद्र को गोली मारने के आरोप में मुकदमा कायम करवाया था।