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RGAन्यूज़
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित घर से डीजीजीआइ टीम ने 196 करोड़ रुपये सोना और चंदन का तेल बरामद किया था। मामले में पीयूष को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था जिसमें उसने जामनत अर्जी कोर्ट में
कोर्ट ने टिप्पणी के साथ पीयूष जैन की जमानत नामंजूर कर दी
कानपुर,। इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जमानत अर्जी शनिवार को प्रभारी न्यायालय स्पेशल सीजेएम ने खारिज कर दी । जमानत खारिज करते हुए न्यायालय ने टिप्पणी की है कि यह देश की आर्थिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने वाला गंभीर मा
आनंदपुरी निवासी इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आवास और कन्नौज स्थित फर्म पर जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआइ) अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर, 2021 को छापा मारा था। लगातार पांच दिन चले छापे की कार्रवाई में डीजीजीआइ को 196 करोड़ रुपये, 23 किलोग्राम विदेशी मुहर लगी सोना और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ था। इसके बाद 27 दिसंबर को डीजीजीआइ ने पीयूष जैन को जीएसटी की चोरी के मामले में
इस मामले में पीयूष की ओर से अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बुधवार को जमानत अर्जी दाखिल की थी। शुक्रवार को जमानत पर बहस हुई तो चिन्मय की ओर से जमानत के पक्ष में तर्क दिया गया कि जिस मामले में गिरफ्तारी की गई है, उसमें अधिकतम पांच साल की सजा है। वहीं, सात साल से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। पीयूष जीएसटी देने को तैयार है। इस पर डीजीजीआइ के विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने तर्क दिया कि यह डीजीजीआइ का देश का पहला मामला है, जिसमें इतनी अधिक नकदी बरामद की गई है। बरामद रुपयों के बारे में पीयूष ने कोई दस्तावेज नहीं दिए हैं। लेनदेन किन कंपनियों और फर्म से किया, इसकी जानकारी भी नहीं दे रहा है
पीयूष के भाई को आठ समन भेजे गए हैं, लेकिन वह अभी तक डीजीजीआइ के सामने हाजिर नहीं हुए। विवेचना चल रही है, ऐसे में जमानत मिली तो पीयूष साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित कर लिया था। शनिवार को देर शाम निर्णय आया। चिन्मय पाठक के मुताबिक, न्यायालय ने अधिक धनराशि बरामद होने, देश की आर्थिक व्यवस्था पर असर डालने की टिप्पणी के साथ जमानत खारिज कर दी।