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RGAन्यूज़
अलीगढ़ में होली की शुरुआत 13 मार्च से रंगभरनी एकादशी उत्सव के साथ होगी। होली करीब आते ही अचल सरोवर भक्ति के रंग में डूब गया है। यहां सुबह छह बजे आरती व संकीर्तन होती है। हरिनाम संकीर्तन से अचल सरोवर रक्षक दल के सदस्य भाव विभोर हो उठते
अचल सरोवर रविवार को सुबह भक्ति रस में डूब ग
अलीगढ़। अचल सरोवर रविवार को सुबह भक्ति रस में डूब गया। हरिनाम संकीर्तन में अचल सरोवर रक्षक दल के सदस्य भाव से भर उठे और नृत्य करने लगे। सभी प्रभु की भक्ति में लीन थे।
हरिनाम संकीर्तन से हुई शुरुआत
सुबह छह बजे आरती घाट पर जितेंद्रजी ने हरिनाम संकीर्तन की शुरुआत की। करीब 10 मिनट तक राधारानी और ठाकुरजी की स्तुति की। इसके बाद परिक्रमा शुरू हो गई। हरे रामा, हरे कृष्णा की भक्ति के डोर में बंध गए। परिक्रमा पर ढोल और मजीरा बज उठा। अचलेश्वरधाम मंदिर पर भोलेनाथ बाबा के जयकारे लग उठे। हाथरस अड्डा, श्री गिलहराज मंदिर होते हुए परिक्रमा आरती घाट पर पहुंची। यहां पर सभी हरी बोल की धुन पर नत्य करने लगे। राधा किशोरी की स्तुति हुई। महंत योगी कौशलनाथ ने कहा कि अचल सरोवर उत्सव स्थल है। यहां वर्ष में कई उत्सव होते हैं, जिनकी अलग पहचान है। इस बार 13 मार्च को रंगभरनी एकादशी उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। सुबह छह बजे ठाकुरजी का डोला निकाला जाएगा। इसके बाद अबीर-गुलाल उड़ेगा। यहीं से होली की शुरुआत हो जाएगी। कृष्णा गुप्ता ने कहा कि अचल सरोवर के उत्सव की पहचान पूरे शहर में है, प्रत्येक व्यक्ति उत्सव का इंतजार करता है, इसलिए धूमधाम से हमें उत्सव करना है। माेहन लाल वर्मा ने कहा कि फाग के बिना अचल सरोवर अधूरा है। यहां के फाग महोत्सव से ही पूरे शहर में उत्सव की शुरुआत होती है।
धार्मिक कार्य से अचल की बनी अलग पहचान
साध्वी पुनीता चेतन ने कहा कि धर्म के कार्य से अचल की एक अलग पहचान बनी है, जिसे हमें बनाए रखना है। धार्मिक उत्सव हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। लक्ष्मी राज सिंह ने कहा कि अधिक से अधिक लोगों आमंत्रित किया जाएगा, जिससे महोत्सव का आनंद उठा सकें। शहर के लोगों का अचल से विशेष लगाव है। पुनीत वाष्र्णेय बंटी ने कहा कि अचल की परिक्रमा से हम सभी का मन आनंदित हो उठता है, हमें भावपूर्ण तरीके से रंगभरनी एकादशी का उत्सव मनाना है। नीटू शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति की पहचान पूरी दुनिया में है, इसलिए ब्रज की होली खेलने के