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Bareilly Firdaus Success Story घर में मां बाप की लाडली फिरदौस की अभी सिर्फ पढ़ने-लिखने की उम्मीद थी कि इसी बीच वर्ष 2014 में उनके पिता का निधन हो गया। रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया तो अब दूर-दूर तक को राह नजर नहीं आ
International Women's Day : कौन है फिरदौस, जिसने 20 वर्ष की उम्र में लिख दी सफलता की इबारत
बरेली,l : घर में मां बाप की लाडली फिरदौस की अभी सिर्फ पढ़ने-लिखने की उम्मीद थी कि इसी बीच वर्ष 2014 में उनके पिता का निधन हो गया। रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया तो अब दूर-दूर तक को राह नजर नहीं आ रही थी। कुछ दिन बाद घर पर आर्थिक संकट मंडराया तो फिरदौस ने 12 साल की उम्र से ही आसपास के बच्चों को पढ़ाकर धन अर्जित करना शुरू किया। इसके बाद पिता के दोस्तों से मिलकर उनके व्यवसाय को जाना। पिता के अच्छे व्यवहार की बदौलत उन्होंने सहायता की और उन्होंने इंटरनेट मीडिया के जरिए सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर
पिता के निधन के बाद परिवार में जब कोई पालन-पोषण करने वाला नहीं मिला तो ट्यूशन पढ़ाकर तो कभी किसी कंपनी में नौकरी कर मां की सेवा और अपनी पढ़ाई पूरी की। चार साल पहले उन्होंने समय की मांग को देखते हुए रेडी टू कुक यानी तुरंत खाना तैयार करने वाली डिश बनाने का काम शुरू किया। अच्छा परिणाम तो उन्होंने किसी तरह रुपयों का इंतजाम कर व्यापक स्तर वर अपने काम को पहुंचाया। शुरुआत में कुछ दिक्कतें आईं लेकिन, हर मझधार को पार कर वह अपनी मंजिल से नहीं भटकीं। वह बताती हैं कि वर्तमान में वह किसी चीज के लिए मोहताज नहीं हैं। अपने कार्य को ईमानदारी से अंजाम देने और जरूरतमंद लोगों की सेवा करने में ही व
देश भर में बिकते हैं पैकिंग रेडी फूड के आइटम
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में www.maafoods.co.in के नाम से वेबसाइट बनाई। इसके जरिए वे मिक्स वेज, शाही पनीर, पनीर मसाला, पनीर मलाई टिक्का, मसाला चाप, तंदूरी चाप, पापकार्न, वेज कवाब आदि तरह के मसाले और इन्हें व्यंजनों को निर्धारित समय में तैयार करने वाले पैकेट को बेचती हैं।
सैंकड़ों ल
फिरदौस बताती हैं कि इन चीजों को तैयार करने में ही करीब सौ से अधिक लोगों की जरूरत होती है। इसके बाद खरीदारों से लेकर उन्हें बेचने समेत खरीदारी तक सैंकड़ों लोगों इस कार्य में लगते हैं। कहती हैं कि छोटी सी उम्र में कई लोगों को रोजगार देने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। इसके अलावा वह अनाथ बेटियों की जिम्मेदारी लेकर उन्हें योग्यता के अनुसार नौकरी दिलाती हैं। इसके लिए उन्होंने पिछले महीने कैंट में ताज फाउंडेशन के नाम से एक एनजीओ की भी शुरुआत की है