अलीगढ़ की इस ग्राम पंचायत में ऐसे दौड़ा विकास, टेंडर होने से पहले ही शुरु हो गया सामुदायिक शौचालय का निर्माण

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RGAन्यूज़

अलीगढ़ में ग्राम पंचायतों में इन दिनों जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। ताजा मामला इगलास के बहादुरपुर पंचायत में आया है जहां टेंडर जारी होने से पहले ही पंचायत घर व सामुदायिक शौचालय का निर्माण काय्र प्रारंभ हो गया है

गांव देहात में विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है।

अलीगढ़, गांव देहात में विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। अब इगलास ब्लाक की बहादुरपुर पंचायत में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। यहां पर टेंडर जारी होने से पहले ही पंचायत घर व सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। दोनों पर करीब 12 लाख की धनराशि खर्च हो रही है। अब जिला स्तरीय कमेटी जांच करने गांव में पहुंची तो निर्माण कार्य देखकर चौंक गईं। अब टीम भौतिक सत्यापन रिपोर्ट डीपीआरओ को देगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।

अलीगढ़ मे 867 ग्राम पंचायतें

जिले में कुल 867 ग्राम पंचायत हैं। ग्राम निधि के बजट से इन पंचायतों में विकास कार्य होते हैं। मनरेगा में भी पंचायतों को धनराशि मिलती है। जिले में जनवरी के पहले सप्ताह के बाद से ही आचार संहिता लगी हुई है। पहले विधानसभा चुनाव की आचार संहिता थी, लेकिन इसके खत्म होने से पहले ही विधानसभा परिषद चुनाव की आचार संहिता शुरू हो गई। 14 अप्रैल को विधानसभा परिषद चुनाव की मतगणना है, लेकिन इसी बीच जिले की कुछ पंचायतों में नियमों के खिलाफ टेंडर जारी कर दिए गए थे। शिकायत के बाद डीपीआरओ ने जांच कराई तो सामने आया कि जिले की 26 पंचायतों में टेंडर हुए हैं। 10 से 12 मार्च के बीच नियमों के खिलाफ पंचायतों ने इन्हें जारी किया है। इनमें ग्राम निधि के साथ ही मनरेगा के भी काम हैं। ऐसे में तत्काल जिला स्तर से इन टेंडरों को निरस्

कमेटी का किया गठन

टेंडर जारी होने के बाद अफसरों को संदेह था कि जिन पंचायतों में टेंडर निकले हैं, उनमें विकास कार्य पहले ही हो चुके हैं। ऐसे में डीपीआरओ ने स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्यवक जिया अहमद खान व एडीपीएम इसरार अहमद की एक टीम बनाकर भौतिक सत्यापन के लिए गांव में भेजी। बुधवार को इस टीम ने गांव का निरीक

बहादुर में पहले ही हुआ काम 

जांच टीम को इगलास ब्लाक के बहादुरपुर में काफी चौंकाने वाली स्थिति मिली। टेंडर जारी होने से पहले ही इस गांव में 9.78 लाख की लागत से पंचायत घर का निर्माण व 3.77 लाख से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य होता हैं। ऐसे में अफसर भी देखकर चौंक गए कि जब निर्माण सामग्री के लिए टेंडर ही जारी नहीं हुआ तो फिर यहां काम कैसे पूरा हो गया। अब जांच टीम इसकी रिपोर्ट डीपीआरओ को दे रही है। जल्द ही इस काम को श्रमदान घोषित किया जा सकता है

इन पंचायतों में नियमों के खिलाफ हुए थे टेंडर

मनोहरपुर, सिकंदरपुर, टीकापुर, ब्यौर्रा कारस, बरौठ, नयाबांस, नगला मोहन नहचला, बहादुरपुर, अगोरना, बसई, ढांटौली, पिसावा, विशनपुर, सहाराखुर्द, जवारवद

टेंडर जारी होने से पहले ही निर्माण कार्य का शुरू होना पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है। जैसे ही जांच रिपोर्ट मेरे पास आएगी, संबंधित कामो

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