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RGA News उत्तराखंड
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट में एक माह के भीतर पंजीकरण न कराने वाले निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को सील किया जाएगा। दून के डीएम और सीएमओ की ओर से अस्पतालों के लिए नोटिस जारी किया गया है। दो जनवरी को जारी इस नोटिस के मुताबिक दो फरवरी तक पंजीकरण न कराने वाले निजी चिकित्सा संस्थान कार्रवाई की जद में आएंगे।
विगत दिनों हाईकोर्ट ने ऐक्ट में पंजीकरण न कराने वाले चिकित्सा संस्थानों को सील करने के आदेश दिए थे। जिस पर विभाग ने कार्रवाई शुरू की। ऐक्ट के विरोध में आईएमए ने आंदोलन भी शुरू किया था। सीएम के रियायत देने के आश्वासन पर 25 दिसंबर से होने वाली आईएमए की हड़ताल टल गई थी। वार्ता के दौरान सीएम ने आईएमए पदाधिकारियों को निजी अस्पतालों को क्लीनिकल ऐक्ट में पंजीकरण कराने को भी कहा था। 20 दिसंबर को इस संबंध में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण दून की भी डीएम और आईएमए पदाधिकारियों की मौजूदगी में बैठक हुई थी। सीएमओ देहरादून डा. एसके गुप्ता ने बताया कि दो जनवरी को निजी अस्पतालों को ऐक्ट में पंजीकरण कराने के लिए एक माह का समय दिए जाने को सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है। देहरादून जिले में अब तक 350 अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर पंजीकृत हो चुके हैं। निजी अस्पतालों और क्लीनिक की संख्या 700 के करीब है।
डा. टीसी पंत डीजी हेल्थ के अनुसरार, राज्य में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट लागू है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी अस्पतालों को उसमें पंजीकरण के आदेश दिए हैं। सरकार प्राइवेट अस्पतालों को क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट में राहत देने पर विचार कर रही है। लेकिन ऐक्ट को अभी तक स्थगित नहीं किया गया है। इसीलिए नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशानुसार सभी अस्पतालों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
आईएमए प्रदेश अध्यक्ष, डा. बीएस जज के अनुसार, क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट में निजी चिकित्सक काफी संख्या में पंजीकरण करा चुके हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। सीएम और स्वास्थ्य सचिव ने ऐक्ट में आ रही व्यावहारिक परेशानियों को दूर करने का आश्वासन मिला है। उम्मीद है कि जल्द ही एक्ट में राहत दी जाएगी।