RGA न्यूज मेरठ
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में रविवार को पीएचडी छात्रों ने प्रतिकुलपति एचएस सिंह का घेराव किया। छात्रों का कहना है कि उन्हें प्री पीएचडी कोर्स वर्क में जानबूझकर फेल किया गया है। उन्होंने बताया कि जब पहले से ही एमफिल जेआरएफ नेट दे रखा है और उसी पैटर्न पर प्री पीएचडी कोर्स वर्क की परीक्षा हुई, तो वह कैसे फेल हो सकते हैं। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी कोर्स वर्क का मूल्याकन सही से नहीं किया गया। उधर, विश्वविद्यालय का कहना है कि मूल्याकन सही हुआ है। फिर भी छात्र लिखित शिकायत दर्ज कराएं, जांच की जाएगी। विशेषज्ञ टीचरों के मुताबिक प्री पीएचडी कोर्स वर्क में छात्रों ने सही से उत्तर नहीं दिए थे, जिसकी वजह से वह फेल हुए हैं। विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसी साल से छह महीने के लिए प्री पीएचडी कोर्स वर्क शुरू किया है। जिस के लिए छात्रों ने 25 हजार फीस भी दी है। एक बार फेल होने वाले छात्रों को नियमानुसार बैक पेपर की सुविधा नहीं दी जाती है। ऐसे में छात्रों को सभी तीनों पेपर में परीक्षा देनी होती है। विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी कोर्स वर्क आरडीसी से पहले पास करना अनिवार्य होता है। विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से शोध की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्री पीएचडी कोर्स वर्क शुरू किया गया है। प्री पीएचडी कोर्स वर्क से आर्मी शिक्षक एमफिल करने वाले छात्रों को छूट है। लेकिन जेआरएफ और नेट करने वाले अभ्यर्थियों को प्री पीएचडी कोर्स वर्क में बैठना अनिवार्य होता है।