बीईओ) खंड शिक्षा अधिकारी ने देहात क्षेत्र में जाकर खेत खलियान काम कर है बच्चों को खोज कर पढ़ाई के लिए प्रेरित किया

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RGA _ न्यूज़ संवादाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह 

जनपद बरेली मीरगंज _ स्कूल चलो अभियान के तहत छात्र-छात्राओं का परिषदीय स्कूलों में प्रवेश होना है। कम प्रवेश के चलते मीरगंज (बीईओ) खंड शिक्षा अधिकारी अमन गुप्ता अब खुद मैदान में उतर गए हैं। एबीएसए ने मीरगंज ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय नंदगांव, प्राथमिक विद्यालय मीरगंज,कंपोजिट विद्यालय चुरई दलपतपुर व आदि गांव में जाकर बच्चों के अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उन्हें कुछ बच्चे खेतों पर जाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने बच्चों को रोककर बातचीत की और उनके घर जाकर अभिभावकों से मिलकर समझा-बुझाकर बच्चों के उज्जवल भविष्य की बात बताते हुए पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और एबीएसए ने स्कूल में तत्काल पंजीकरण कराने के लिए कहा ,खेतों में चल रही गेहूं की फसल की कटाई के कारण और गेहूं की बाली बीनने के कारण ग्रामीण इलाकों के कुछ बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। अभी स्कूल चलो अभियान भी चल रहा है, लेकिन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थित 50 प्रतिशत तक ही पहुंच पा रही है।
दो अप्रैल से नवीन शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो गई है। ग्रामीण इलाकों के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाकर बेसिक शिक्षा विभाग घर-घर जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है।
इसके बावजूद भी विद्यालयों में बच्चे नहीं पहुंच रहे हैं। इन दिनों लगभग सभी परिषदीय विद्यालयों में 40 से 50 प्रतिशत ही बच्चे अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इसकी एक मुख्य बजाएं यह भी है कि वर्तमान में गेहूं की फसल की कटाई का चल रहा है। गरीब परिवारों के बच्चे इस समय खेतों में फसल की कटाई बे बाद खेतों में गेहूं की बाली बीनने का काम कर रहे हैं। गेहूं की बाली को बेचकर वह पैसे कमाते हैं। पूरे दिन खेतो में बाली बीनकर वह पैसे कमाने में लगे हुए हैं। इन कमाई के चलते बच्चे स्कूल भूल गए हैं और उनके अभिभावकों को भी बच्चों को स्कूल भेजने की चिंता नहीं सता रही है। शिक्षा विभाग भी यह मानने को तैयार है कि वर्तमान में विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम चल रही है। खंड शिक्षा अधिकारी का भी मानना है कि बच्चों की अनुपस्थिति बहुत हों रही है।
अभी विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है और सत्र के पहले महीने में बच्चों की उपस्थिति कम रहती ही है। स्कूल चलो अभियान के तहत शिक्षक बच्चों को घर-घर जाकर लोगों को जागरुक कर रहे

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