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RGA News लखनऊ
सपा सरकार में खनन विभाग को लेकर खासी उथल पुथल रही। अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने तो शुरू में उन्होंने खनन विभाग अपने पास ही रखा था। वह 2012-13 में खनन मंत्री रहे। गायत्री प्रजापति की जैसे जैसे मुलायम से नजदीकी बढ़ने लगी वैसे वैसे ही उनका कद भी बढ़ने लगा। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि गायत्री ने अमेठी जैसी प्रतिष्ठा पूर्ण व चर्चित विधानसभा सीट सपा की झोली में डाली थी।
बहरहाल गायत्री प्रजापति 2013 में मंत्रिमंडल विस्तार में पहली बार राज्य मंत्री बने और उन्हें कृषि विभाग मिला। बाद उन्हें खनन विभाग मिला लेकिन कैबिनेट मंत्री के तौर अखिलेश ने इसे अपने पास रखा।
कुछ समय उनका प्रोन्नत कर स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया तो यह विभाग पूरी तरह उनके हवाले हो गया और बाद में जनवरी 2014 में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए तो खनन विभाग में उनकी तूती बोलने लगी। जब सीबीआई की जांच वापस लिए जाने की यूपी सरकार की दलील हो हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया तो उसके बाद अखिलेश ने 12 सितंबर 2016 को गायत्री प्रजापति को अवैध खनन व भ्रष्टाचार के मामले मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया लेकिन कुछ ही दिन बाद गायत्री प्रजापति फिर खनन मंत्री बना दिए गए।