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जीटी रोड पर नुमाइश मैदान के सामने एएमयू सिटी स्कूल स्थित है। 1928 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने स्कूल के लिए 90 साल की लीज पर एएमयू को जमीन दी थी। लीज की अवधि 2018 म
हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से जवाब मांगा है।
अलीगढ़। राजा महेंद्र प्रताप सिंह के प्रपौत्र चरत प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सिटी स्कूल स्कूल के बदले जिस तिकौनी जमीन को लिखा था, उसमें से आधी जमीन का बैनामा कर दिया है। करीब छह हजार वर्ग मीटर जमीन का पिछले दिनों दो लोगों को बैनामा किया। लेकिन, कोल तहसील प्रशासन ने इनके नाम दाखिल खारिज पर आपत्ति लगा दी है। तर्क दिया है कि कागजों में यह जमीन खेल मैदान के नाम पर दर्ज हैं। सक्षम दस्तावेजों पर ही जमीन का दाखिल खारिज हो सकता है। राजा के प्रपोत्र ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। वहीं, निबंधन कार्यालय ने इस जमीन के आगे के बैनामों पर रोक लगा द
लीज की अवधि हो गई थी खत्म
जीटी रोड पर नुमाइश मैदान के सामने एएमयू सिटी स्कूल स्थित है। 1928 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने स्कूल के लिए 90 साल की लीज पर एएमयू को जमीन दी थी। लीज की अवधि 2018 में खत्म हो गई थी। राजा के पौत्र चरत प्रताप सिंह ने जिस जमीन पर स्कूल बना हुआ है। उसे इस शर्त पर दान दिया कि स्कूल के पीछे की खाली तिकौनी जमीन एएमयू वापस कर दें। इस पर एएमयू इंतजामिया राजी हो गया। पिछले दिनोें ही एएमयू ने स्कूल की दान में मिली जमीन के बदले में खाली पड़ी जमीन को वापस कर दिया। इस जमीन पर सिटी स्कूल का खेल मैदान था। इस बारे में चरत प्रताप सिंह से बात करनी चाही, लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला। किए बैनामे : यह क्षेत्रफल 12 हजार वर्ग मीटर के करीब है। पिछले दिनों 11 अप्रैल को राजा महेंद्र प्रताप सिंह के प्रपोत्र चरण प्रताप सिंह ने तिकोना पार्क की 12 हजार वर्ग मीटर जमीन में से 6281 वर्ग मीटर जमीन का रामघाट रोड माहेश्वरी सदन सिटी एंक्लेब निवासी नीरज माहेश्वरी व सूर्य सरोवर निवासी अनुराग सिंह के नाम बैनामा कर दिया। करीब नौ करोड़ में इस जमीन का सौदा किया। इसके लिए निबंधन कार्यालय में 68.34 लाख रुपये का स्टांप शुल्क भी जमा हुआ
मंडलायुक्त ने लिखा पत्र
25 मार्च को मंडलायुक्त गौरव दयाल ने भी इसको लेकर कोल तहसील के उप निबंधन कार्यालय द्वितीय को एक पत्र लिखा था। इसमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह से जुड़ी नान जेएड़ए की जमीन को किसी के पक्ष में बैनामे न करने के निर्देश दिए। इस पत्र के बाद अब निबंधन कार्यालय ने इस जमीन से जुड़े अन्य बैनामों पर रोक लगा दी है।
राजा के प्रपौत्र द्वारा दाखिल खारिज के लिए सक्षम दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसी लिए दाखिल खारिज पर आपत्ति लगाई है। अब इस पूरे मामले में शासन स्तर से ही पैरवी की जा रही है।